अमृत पाल सिंह खडूंर साहिब, पंजाब से सांसद बने हैं. लोकसभा सचिवालय के अनुसार वह 46 दिनों से सदन में पेश में पेश नहीं हुई है.
Image Credit: my-lord.inअमृतपाल सिंह अभी आसाम के डिब्रूगढ़ जेल में बंद है. उन्होंने पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में दावा किया कि अगर उन्हें सदन की बैठक में शामिल होने के लिए राहत नहीं दिया जाएगा, तो सांसदी चली जाएगी.
Image Credit: my-lord.inऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि कैसे किसी सांसद की सदस्यता रद्द हो सकती है,
Image Credit: my-lord.inसंविधान का आर्टिकल 101 और 102 इस विषय में विस्तार से बताती है, वहीं, जनप्रतिनिधि अधिनियम, 1951 में भी सांसदो की सदस्यता रद्द होने के कारणों का जिक्र करता है.
Image Credit: my-lord.inआर्टिकल 101 (4) में अगर कोई संसद सदस्य लगातार सदन से 60 दिनों तक सदन में उपस्थित नहीं होता है, तो उसकी सदस्यता स्वत: ही समाप्त हो जाती है.
Image Credit: my-lord.inवहीं आर्टिकल 102 (1) a के अनुसार भारत या किसी राज्य सरकार के तहत लाभ के किसी पद (नौकरी आदि) पर रहने वाला व्यक्ति संसद के किसी भी सदन का सदस्य बनने के लिए अयोग्य होगा.
Image Credit: my-lord.inमानसिक रूप से कमजोर या असक्षम व्यक्ति को संसद सदस्य नहीं बनाया जा सकता है
Image Credit: my-lord.inदिवालिया होने की स्थिति में भी व्यक्ति संसद के किसी भी सदन का सदस्य नहीं बन सकता.
Image Credit: my-lord.inयदि कोई व्यक्ति भारत का नागरिक नहीं है या उसने स्वेच्छा से किसी विदेशी राज्य की नागरिकता प्राप्त की है, तो वह अयोग्य होगा.
Image Credit: my-lord.inसाथ ही किसी मामले में दोषी ठहराए गए व्यक्ति की भी सदन की सदस्यता रद्द की जा सकती है.
Image Credit: my-lord.inसाथ ही जनप्रतिनिधि अधिनियम की धारा 7 से 10 संसद सदस्यों की सदस्यता रद्द होने के कारणों का जिक्र करती है. संसद की सदस्यता, चुनावी खर्चें का सही हिसाब नहीं देना, पर्सनल जानकारी गलत देने जिसमें आय, सर्टिफिकेट आदि शामिल है.
Image Credit: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!