Life Insurance लेते वक्त छिपाई दूसरे बीमा की जानकारी, तो पड़ सकता है मंहगा

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 02 Mar, 2025

उबेरिमा फाइड्स

बीमा एक इंश्योरेंस कंपनी और पॉलिसी लेने वाले व्यक्ति के बीच एक अनुबंध (Contract) है जिसे 'उबेरिमा फाइड्स' कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि यह सबसे अधिक विश्वास का अनुबंध है.

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अन्य पॉलिसी की जानकारी दें

इसमें बीमा (Insurance Policy) लेने वाले व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह बीमाकर्ता को सभी महत्वपूर्ण तथ्यों एवं अन्य पॉलिसी के बारे में बताएं.

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क्लेम हो सकती है खारिज

अगर बीमा लेने वाले व्यक्ति इंश्योरेंस कंपनी से किसी अहम जानकारी को छिपाता है, तो बीमा कंपनी को बीमा दावा खारिज करने का अधिकार है.

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व्यक्ति ने छिपाई जानकारी

सुप्रीम कोर्ट में भी ऐसा ही एक मामला आया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्ति को इंश्योरेंस कंपनी को बीमा राशि देने का आदेश दिया है. आइये जानते हैं क्यो...

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25 लाख का बीमा

अपीलकर्ता के पिता ने एक्साइड लाइफ इंश्योरेंस से 25 लाख रुपये की इंश्योरेंस कराया था.

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नहीं मिला क्लेम

पिता की मृत्यु के बाद, अपीलकर्ता यानि बेटे ने पॉलिसी के तहत लाभ के लिए दावा किया, लेकिन यह दावा खारिज कर दिया गया.

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जानकारी छिपाई

क्योंकि पिता ने केवल एक पॉलिसी का खुलासा किया था और अन्य जीवन इंश्योरेंस पॉलिसियों को छिपा दिया था,

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सुप्रीम कोर्ट ने गौर किया

सुप्रीम कोर्ट ने देखा कि अपीलकर्ता द्वारा घोषित पॉलिसी की राशि 40 लाख रुपये थी, वहीं छिपाई गई पॉलिसियों की कुल राशि 2.3 लाख रुपये के आसपास थी.

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पड़ सकता है मंहगा

अदालत ने कहा कि बीमाकर्ता को यह अधिकार है कि वह इंश्योरेंस के दावे को खारिज कर दे, यदि बीमित व्यक्ति अपने पिछले इंश्योरेंस पॉलिसियों का खुलासा नहीं करता है.

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कंपनी को पर्याप्त जानकारी

अदालत ने यह भी कहा कि पिछले मामलों में पूर्ण रूप से जानकारी न देने के कारण दावे का खंडन किया गया था, जबकि इस मामले में पर्याप्त जानकारी दी गई थी.

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अहम जानकारी देना जरूरी

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से स्पष्ट है कि बीमा अनुबंध में पारदर्शिता और जानकारी का खुलासा करना कितना आवश्यक है.

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SC ने दी राहत

अदालत ने यह भी बताया कि जब पर्याप्त जानकारी दी जाती है, तो बीमाकर्ता को दावे को खारिज करने का अधिकार नहीं होता.

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