शादी के साल भर में नहीं हो सकता Divorce! जानें क्या है कानून

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 10 Apr, 2025

नई-नई शादी में अनबन होने पर पति-पत्नी शादी की मांग को खत्म करने के लिए अदालत के पास पहुंच जाते हैं.

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कानूनन, अदालत तलाक याचिकाओं पर शादी से एक साल से पहले विचार नहीं करती.

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विवाह के बाद तलाक की याचिका प्रस्तुत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधान है. आइये जानते हैं कि इसे लेकर हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 14 क्या कहती है...

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हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 14 के अनुसार, विवाह के एक वर्ष के भीतर किसी भी अदालत को तलाक की याचिका स्वीकार करने का अधिकार नहीं है.

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हिंदू मैरिज एक्ट, 1955 की धारा 14 के अनुसा इस अधिनियम के अनुसार, शादी की तारीख से कम से कम एक साल बाद ही तलाक की अर्जी दाखिल की जा सकती है.

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असाधारण स्थिति में, हाई कोर्ट के नियमों के अनुसार आवेदन पर कोर्ट एक साल से पहले भी याचिका पर विचार कर सकता है.

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वैधानिक नियमों के अनुसार, शादी के एक साल से पहले तलाक की अर्जी पर फैसला लेते समय, अदालत बच्चों के हितों और पक्षकारों के बीच सुलह की संभावना पर विचार करेगी.

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अगर सुनवाई के दौरान अदालत यह पाती है कि इस विवाह को बचाए रखना संभव नहीं है तभी तलाक की अर्जी मंजूर करती है.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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