बीजेपी सांसद व राज्यसभा सांसद जेपी नड्डा ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर विपक्ष द्वारा जबरदस्ती से इस बिल को लागू करने के दावे से नाराजगी जताई.
Image Credit: my-lord.inराज्यसभा सांसद जेपी नड्डा ने कहा कि वक्फ बोर्ड 2013 कानून के समक्ष समानता के अधिकार का उल्लंघन था, उस समय भी जेपीसी बनाई गई थी, हमने भी जेपीसी भी बनाई गई थी.
Image Credit: my-lord.inलेकिन हमारे और उनके कार्यन्वयन में कितना अंतर था. जेपी नड्डा ने इसे लेकर एक आंकड़ा सदन के सामने रखा. जेपी नड्डा ने कहा कि हमने ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बनाई. 2013 में जो जेपीसी बनी उसमें 13 सदस्य थे. हमारी सरकार में बनाई गई जेपीसी में 31 सदस्य थे.
Image Credit: my-lord.inजेपीसी 2024 ने 36 मीटिंग कर 200 घंटे की चर्चा की. इस दौरान 200 से ज्यादा स्टॉकहोल्डर के साथ बातचीत हुई. 2013 में जेपीसी ने केवल दस राज्यों में गई. 22 मीटिंग के दौरान महज 18 स्टॉकहोल्डर के साथ बातचीत की गई.
Image Credit: my-lord.inजेपी नड्डा ने कहा कि कौन सा ऐसा पैमाना है, जिसमें हम खड़े नहीं उतरे. अधिकांश 29 राज्यों के वक्फ बोर्ड कमेटी के साथ बातचीत की. उस समय केवल 13 राज्यों के कमेटी के साथ बातचीत हुई थी.
Image Credit: my-lord.inवहीं, पहले के नियमों के अनुसार वक्फ के फैसले को सिविल कोर्ट में चुनौती नहीं दिया जा सकता था. क्या यह आर्टिकल 21 का उल्लंघन नहीं है, जो लोगों को गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार देता है.
Image Credit: my-lord.inराज्यसभा सांसद ने पुरजोर तरीके से वक्फ बिल को लागू कराने की बात कही. क्या यह 21वीं सदी के लोगों को, देश के नागरिकों के अधिकार का उल्लंघन नहीं है.
Image Credit: my-lord.inवक्फ बोर्ड कानून के समक्ष समानता के अधिकार का उल्लंघन करता है. वक्फ बोर्ड सेक्शन 40- के तहत बोर्ड खुद ही जानकारी जुटा सकती है, जब बोर्ड को लगता है कि ये संपत्ति वक्फ बोर्ड की है. बोर्ड खुद ही तय कर सकती है कि कौन सी संपत्ति उसकी है.
Image Credit: my-lord.inवहीं, वक्फ के फैसले को सिविल कोर्ट में चुनौती नहीं दे सकता है. क्या यह आर्टिकल 21 का उल्लंघन नहीं है, जो लोगों को गरिमा के साथ जीवन जीने का अधिकार देता है. क्या यह 21वीं सदी के लोगों को, देश के नागरिकों के अधिकार का उल्लंघन नहीं है
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