आज सुबह दिल्ली हाई कोर्ट ने पब्लिक नोटिस जारी कर जस्टिस यशवंत वर्मा को सभी न्यायिक कार्य से दूर रहने के आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने उनसे सभी मुकदमे वापस ले लिए हैं.
Image Credit: my-lord.inबता दें कि सीजेआई संजीव खन्ना ने जस्टिस वर्मा के बंगले पर मिले कैश के मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है. और दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को से कुछ सवालों के जबाव की मांग किया था.
Image Credit: my-lord.inचीफ जस्टिस देवेन्द्र कुमार उपाध्याय ने जस्टिस यशवंत वर्मा से लिखित में इन सवालों के जबाव देने को कहा था. जस्टिस यशवंत वर्मा ने लिखित में इन सवालों के जबाव को सौंप दिया है.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस यशवंत वर्मा ने कहा कि जिस कमरे (स्टोर रूम) से कैश मिला था, वह मुख्य मकान का हिस्सा नहीं है. वहां केवल खराब हो चुके समानों को रखा जाता है. यह सभी के लिए खुला था.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस ने आगे कहा कि जब यह घटना घटी तब वह अपनी पत्नी के साथ भोपाल दौरे पर थे. जब वह दिल्ली लौटे तब उन्हें इस घटना की पूरी जानकारी दी गई.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस वर्मा ने आगे कहा कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य ने कभी भी इस स्टोर रूम में कोई नकद रखा. जब अग्निशामक दल ने आग बुझाने का कार्य किया और जब उन्होंने घटना स्थल पर लौटकर देखा, तो वहां कोई नकद या मुद्रा नहीं मिली.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस वर्मा ने आगे कहा कि न तो उन्होंने और न ही उनके परिवार के किसी सदस्य ने कभी भी इस स्टोर रूम में कोई नकद रखा. जब अग्निशामक दल ने आग बुझाने का कार्य किया और जब उन्होंने घटना स्थल पर लौटकर देखा, तो वहां कोई नकद या मुद्रा नहीं मिली.
Image Credit: my-lord.inजस्टिस वर्मा ने जोर देकर कहा कि जिस रूम से पैसा मिला है, वह सभी के लिए खुला हुआ था, उसमें आवास में काम करनेवाले सभी कर्मचारी आ जा सकते थे, ऐसे में कोई कैसे वहां कैश रख सकता है. बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इन जबावों को सीजेआई के पास भेज दिया है.
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