दिल्ली हाई कोर्ट में सेशन जज के सामने गुस्सा करने के मामले में एक एडवोकेट के खिलाफ अवमानना का मुकदमा चल रहा था,
Image Credit: my-lord.inअवमानना का यह मामला सेशन जज के सामने गुस्सा करने से शुरू हुआ था.
Image Credit: my-lord.inPOCSO मुकदमे के आरोपी की ओर से बहस कर रहे सीनियर एडवोकेट ने आपत्तिजनक तरीके से बहस की,
Image Credit: my-lord.inजज को ऊंगली दिखाते हुए उनकी न्यायिक बुद्धिमता पर सवाल उठाया.
Image Credit: my-lord.inजिसके बाद यह मामला 23 नवंबर 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट के सामने लाया गया. अदालत ने एडवोकेट को नोटिस जारी किया.
Image Credit: my-lord.inजज ने एडवोकेट के इस व्यवहार को आक्रामक और अनुपयुक्त व्यवहार करार दिया.
Image Credit: my-lord.inअदालत के सामने मौजूद होकर वकील ने अपने आचरण के लिए जज से बिना शर्त माफी मांग ली है.
Image Credit: my-lord.inदिल्ली हाई कोर्ट ने गौर किया कि वकील पिछले 20 साल से इस पेशे में और इससे पहले उनकी ओर से ऐसी कोई गड़बड़ी नहीं दिखी है.
Image Credit: my-lord.inराहत देने से पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने एडवोकेट से कहा कि उन्हें साकेत कोर्ट में कम से कम दो आरोपितों या पीड़ितों को निःशुल्क कानूनी सेवाएं (Pro Bono Service) प्रदान करने का निर्देश दिया.
Image Credit: my-lord.inदिल्ली हाई कोर्ट ने एडवोकेट के व्यवहार को अनुचित बताते हुए उनके पूर्व रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए उनकी माफी स्वीकार करते हुए अवमानना का मुकदमा रद्द कर दिया है.
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