Custom Act 1962: कब विदेश से गोल्ड लाना Smuggling कहलाएगा?

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 10 Mar, 2025

Rao Rao

राजस्व आसूचना निदेशालय (DRI) ने कर्नाटक के पूर्व डीजीपी की बेटी रान्या के पास से कस्टम अधिकारियों ने 17 गोल्ड बार को जब्त किया है.

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तीन दिन हिरासत में पूछताछ

इसके बाद कस्टम अधिकारियों ने रान्या को अदालत के समक्ष पेश कर तीन दिनों के लिए हिरासत में लिया.

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विदेश से समान लाना

बता दें कि विदेश से समान खरीदकर लाना (आयात) पर भारत सरकार की कड़ी नजर रहती है.

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सरकार की नजर

साथ ही असामान्य रूप से देश बाहर आने-जानेवाले व्यक्ति को सर्विलांस पर रखती है.

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विदेश से गोल्ड लाना

गोल्ड की बात करें तो भारत सरकार ने पुरूष के लिए विदेश से 20 ग्राम गोल्ड व महिलाओं के लिए 40 ग्राम गोल्ड लाने की छूट दे रखी है,

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कस्टम ड्यूटी का भुगतान करके

अगर कोई व्यक्ति इससे ज्यादा गोल्ड लाना चाहता है, तो वह कस्टम ड्यूटी का भुगतान करके ला सकता है.

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समान जब्त होगा

अगर वह सीमा शुल्क से बचकर निकलना चाहता है, तो पकड़े जाने पर जांच अधिकारी उसकी संपत्ति को जब्त कर सकते हैं.

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गोल्ड स्मगलिंग

वहीं, इसी सीमा शुल्क से बचने और बड़ी मात्रा में समानों के आयात को स्मगलिंग भी कहा जाता है.

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Custom Duty Act, 1962

इसी क्रम में अधिकारियों ने रान्या राव को पकड़ा है, वह पिछले छह महीने 27 बार विदेश गई है. अधिकारियो ने रान्या को कस्टम एक्ट की धारा 108 के बारे में सूचित किया,

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समान की रिसिप्ट

जिसके अनुसार जांच अधिकारी पकड़े गए व्यक्ति को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस जारी कर सकता है और व्यक्ति को समान से संबंधित साक्ष्य देने की मांग कर सकता है.

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IPC की धारा 229 और 267

रान्या को अधिकारियों ने बताया कि अगर वह पकड़े गए गोल्ड बार को लेकर झूठी जानकारी देती है, तो उनके खिलाफ IPC की धारा 229 और 267 के तहत मुकदमा चलाया जाएगा.

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जेल और जुर्माना

जो कि भारतीय दंड संहिता की धारा 229 में झूठे साक्ष्य देने के अपराध में सजा तय करती है, दोषी पाए जाने पर व्यक्ति सात साल की जेल और दस हजार तक का जुर्माना लगाया जा सकता है,

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संपत्ति पर झूठा क्लेम

वहीं, धारा 267 किसी संपत्ति को लेकर झूठा क्लेम करना या संपत्ति के गलत इस्तेमाल में वाहक बनने को अपराध बनाती है.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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