संविधान देश का सबसे पवित्र ग्रंथ, जानें राष्ट्रपति ने और क्या-क्या कहा

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 26 Nov, 2024

संविधान दिवस

संविधान दिवस पर के मौके पर राष्ट्रपति ने संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया है.

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

अपने वक्तव्य के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान को देश का सबसे पवित्र ग्रंथ बताया है.

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लोकतंत्र की आधारशिला

राष्ट्रपति ने आगे कहा कि संविधान, हमारे लोकतांत्रिक गणतंत्र की सुदृढ़ आधारशिला है.

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संविधान देता अधिकार

हमारा संविधान, हमारे सामूहिक और व्यक्तिगत स्वाभिमान को सुनिश्चित करता है.

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समाजिक न्याय

राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान ने समाजिक न्याय के लिए देश को नई दिशा प्रदान की है.

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नागरिकों के जीवन को सुगम बनाना

संविधान की भावना के अनुसार कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका का दायित्व मिल-जुलकर नागरिकों के जीवन को सुगम बनाना है.

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नागरिकों के मौलिक कर्तव्य

देश के संविधान में प्रत्येक नागरिक के मौलिक कर्तव्य स्पष्ट रूप से परिभाषित हैं, जिसमें देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने, सौहार्द्र बढ़ाने एवं महिलाओं की गरिमा बनाकर रखने पर जोर दिया गया है.

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