Caste Census: जनगणना के समय 'गलत जाति' बताने पर हो सकती है ये सजा

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 05 May, 2025

भारत सरकार पहली बार फॉर्मल तरीके से जातीय जनगणना करने की घोषणा की है, यानि जनगणना फॉर्म में एक कॉलम जाति की भी रहेगी.

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इस जनगणना फॉर्म में पहले कुछ जानकारी देना अनिवार्य होता है, लेकिन कुछ ऐच्छिक होता है यानि कि आप बता भी सकते हैं और नहीं भी,

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लेकिन कुछ सवालों का जबाव अनिवार्य होता होता और उन सवाल के गलत जबाव देने पर कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है.

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ऐसे में सवाल उठता है कि अगर संबंधित अपनी जाति गलत बताता है या बताने से इंकार करता है तो क्या कानूनी प्रावधान है,

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वहीं, जाति जनगणना का विरोध करने वाले किसी समूह ने जनगणना करने आए अधिकारी के काम में अवरोध डालने पर क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है,

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इन सब बातों का जिक्र भारतीय जनसंख्या अधिनियम 1948 में वर्णित है, स्वभाविक है कि जाति बताने का प्रावधान अभी जनगणना फॉर्म में नहीं, जिसे इस कानून को संशोधित कर जारी किया जा सकता है,

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बता दें कि जो भी व्यक्ति को जनगणना करने आएंगे, वे जनगणना अधिनियम के अनुसार लोक सेवक माने जाएंगे और उनके काम में रूकावट या बाधा डालना सरकारी काम काज बाधित करना होगा,

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ऐसे लोगों के खिलाफ आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 187 एक ऐसे व्यक्ति को दंडित करती है जो किसी लोक सेवक को सहायता देने के लिए कानून द्वारा बाध्य होने पर ऐसा करने में जानबूझकर चूक करता है, जब लोक सेवक प्रक्रिया के निष्पादन या अपराध की रोकथाम में सहायता मांगता है.

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जनगणना में किसी प्रकार की झूठी जानकारी देने पर जनसंख्या अधिनियम की धारा 11 के तहत हजार रूपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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