भारत सरकार पहली बार फॉर्मल तरीके से जातीय जनगणना करने की घोषणा की है, यानि जनगणना फॉर्म में एक कॉलम जाति की भी रहेगी.
Image Credit: my-lord.inइस जनगणना फॉर्म में पहले कुछ जानकारी देना अनिवार्य होता है, लेकिन कुछ ऐच्छिक होता है यानि कि आप बता भी सकते हैं और नहीं भी,
Image Credit: my-lord.inलेकिन कुछ सवालों का जबाव अनिवार्य होता होता और उन सवाल के गलत जबाव देने पर कानूनी कार्रवाई का भी प्रावधान है.
Image Credit: my-lord.inऐसे में सवाल उठता है कि अगर संबंधित अपनी जाति गलत बताता है या बताने से इंकार करता है तो क्या कानूनी प्रावधान है,
Image Credit: my-lord.inवहीं, जाति जनगणना का विरोध करने वाले किसी समूह ने जनगणना करने आए अधिकारी के काम में अवरोध डालने पर क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है,
Image Credit: my-lord.inइन सब बातों का जिक्र भारतीय जनसंख्या अधिनियम 1948 में वर्णित है, स्वभाविक है कि जाति बताने का प्रावधान अभी जनगणना फॉर्म में नहीं, जिसे इस कानून को संशोधित कर जारी किया जा सकता है,
Image Credit: my-lord.inबता दें कि जो भी व्यक्ति को जनगणना करने आएंगे, वे जनगणना अधिनियम के अनुसार लोक सेवक माने जाएंगे और उनके काम में रूकावट या बाधा डालना सरकारी काम काज बाधित करना होगा,
Image Credit: my-lord.inऐसे लोगों के खिलाफ आईपीसी (भारतीय दंड संहिता) की धारा 187 एक ऐसे व्यक्ति को दंडित करती है जो किसी लोक सेवक को सहायता देने के लिए कानून द्वारा बाध्य होने पर ऐसा करने में जानबूझकर चूक करता है, जब लोक सेवक प्रक्रिया के निष्पादन या अपराध की रोकथाम में सहायता मांगता है.
Image Credit: my-lord.inजनगणना में किसी प्रकार की झूठी जानकारी देने पर जनसंख्या अधिनियम की धारा 11 के तहत हजार रूपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
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