Article 355: राज्य में शांति बहाल करने को केन्द्र को मिला अधिकार

Satyam Kumar

Image Credit: my-lord.in | 21 Apr, 2025

मुर्शिदाबाद हिंसा की घटना को सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 355 के तहत एक याचिका दायर की गई, जिसमें पश्चिम बंगाल में केन्द्रीय बलों की तैनाती को लेकर मांग की गई.

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इस पर जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने कहा कि हम पर पहले ही कार्यपालिका-विधायिका के कार्य हस्तक्षेप करने के आरोप लग रहे हैं और फिर भी आप ये मांग कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने याची को दोबारा से याचिका दायर करने को कहा है.

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आइये जानते हैं कि याचिककर्ता ने आर्टिकल 355 लागू करने की मांग क्यों की? अनुच्छेद 355 (Article 355) के तहत यह केंद्र सरकार की यह ज़िम्मेदारी मिली है कि वह प्रत्येक राज्य को बाहरी आक्रमण और आंतरिक अशांति से बचाए.

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बाहरी आक्रमण का मतलब किसी दूसरे देश द्वारा किए गए हमले या आक्रमण से है, जिससे राज्य की सुरक्षा और अखंडता खतरे में पड़ सकती है.

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आंतरिक अशांति का मतलब राज्य के अंदर होने वाली ऐसी किसी भी स्थिति से है जो कानून और व्यवस्था को बाधित करती है, जैसे कि विद्रोह, दंगे, या बड़े पैमाने पर हिंसा.

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इसलिए सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 355 के तहत केन्द्रीय बलों की तैनाती की मांग करने के लिए केन्द्र को निर्देश देने की मांग की गई.

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