मुर्शिदाबाद हिंसा की घटना को सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 355 के तहत एक याचिका दायर की गई, जिसमें पश्चिम बंगाल में केन्द्रीय बलों की तैनाती को लेकर मांग की गई.
Image Credit: my-lord.inइस पर जस्टिस बीआर गवई की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने कहा कि हम पर पहले ही कार्यपालिका-विधायिका के कार्य हस्तक्षेप करने के आरोप लग रहे हैं और फिर भी आप ये मांग कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने याची को दोबारा से याचिका दायर करने को कहा है.
Image Credit: my-lord.inआइये जानते हैं कि याचिककर्ता ने आर्टिकल 355 लागू करने की मांग क्यों की? अनुच्छेद 355 (Article 355) के तहत यह केंद्र सरकार की यह ज़िम्मेदारी मिली है कि वह प्रत्येक राज्य को बाहरी आक्रमण और आंतरिक अशांति से बचाए.
Image Credit: my-lord.inबाहरी आक्रमण का मतलब किसी दूसरे देश द्वारा किए गए हमले या आक्रमण से है, जिससे राज्य की सुरक्षा और अखंडता खतरे में पड़ सकती है.
Image Credit: my-lord.inआंतरिक अशांति का मतलब राज्य के अंदर होने वाली ऐसी किसी भी स्थिति से है जो कानून और व्यवस्था को बाधित करती है, जैसे कि विद्रोह, दंगे, या बड़े पैमाने पर हिंसा.
Image Credit: my-lord.inइसलिए सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 355 के तहत केन्द्रीय बलों की तैनाती की मांग करने के लिए केन्द्र को निर्देश देने की मांग की गई.
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