Code Of Criminal Procedureपुलिस अगर FIR पर समय से कार्रवाई नहीं करती है तो आपको क्या करना चाहिए? जानिए
Crpc Section 107राष्ट्रगान का अपमान: जम्मू-कश्मीर के 14 लोगों के खिलाफ CrPC की इन धाराओं के तहत दर्ज हुआ मामला
Crpc Section 146Natural Person और Legal Personality में क्या अंतर है? इनके अधिकार क्या होते हैं? आइये जानते हैं
Brijbhushan Sharan Singhडब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पोक्सो मामले को रद्द करने की रिपोर्ट पर कोर्ट ने नाबालिग से मांगा जवाब
2002 Gujarat Riotsएक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट ने विशेष सुनवाई के बाद दी अंतरिम राहत, हाई कोर्ट के आदेश पर लगी रोक
Crpc Section 125क्या था शाह बानो मामला, कैसे शुरू हुई थी यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बहस, शरीयत कानून को मिली थी चुनौती
Crpc Section 143देर रात पार्टी के लिए प्रशासन से लेनी होगी अनुमति, अन्यथा तैयार रहें कानून के तहत कड़ी कार्रवाई हेतु
Crpc Section 16416 वर्षीय किशोरी सेक्स के बारे में सोच-समझकर निर्णय लेने में सक्षम: मेघालय हाईकोर्ट ने प्रेमी के खिलाफ POCSO मामला रद्द किया
Alimonyबदली हुई परिस्थित में CrPC की धारा 125 के तहत गुजारा भत्ता हेतु दूसरी बार आवेदन किया जा सकता है
Crpc Section 125मुस्लिम कानून के तहत पत्नी, तलाकशुदा महिला और बच्चों के लिए भरण पोषण का क्या प्रावधान है?
Criminal Procedure CodeHigh Court द्वारा खारिज FIR मामलो में पुलिस नही कर सकती क्लोजर रिपोर्ट फाइल- Supreme Court
164 Crpcदुष्कर्म मामले में पीड़िता के मुकर जाने पर उसको भुगतान की गई राशि की वसूली करना उचित-Allahabad High Court
Code Of Criminal Procedureक्या है Default Bail, यह कब दी जाती है और किन आधारों पर इसे किया जा सकता है रद्द?
Article 226झूठी FIR या चार्जशीट के मामलें में CrPC की धारा 482 के तहत आप खटखटा सकते हैं हाई कोर्ट का दरवाजा
Code of Criminal Procedure 1973, CrPC Section 161, CrPC Section 162पुलिस द्वारा गवाहों का परीक्षण सीआरपीसी की किन धाराओं के तहत होता है- जानिये
Cji Dy ChandrachudCRPC की धारा 64 में होगा बदलाव करती है महिलाओं के साथ भेदभाव, सरकार ने SC में दी जानकारी
Cognizable Caseकॉग्निजेबल मामलों में जांच पुलिस अधिकारी की क्या शक्तियां है CrPC के Section 156 के तहत
Bombay High CourtDomestic Violence Act के तहत गुजारा भत्ता की मांग CrPC की धारा 125 से बहुत अलग: बॉम्बे हाईकोर्ट