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सेल डीड क्या होता है? इसका रजिस्ट्रेशन कराना Property Ownership के लिए कितना जरूरी होता है

रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 32ए में अचल संपत्ति (घर, जमीन आदि) के सेल डीड का रजिस्ट्रेशन कराने जिक्र है. कानूनन रूप से संपत्ति का मालिकाना हक पाने के लिए सेल डीड का रजिस्ट्रेशन सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में कराना होगा. रजिस्ट्रेशन के दौरान खरीददार और विक्रेता के दोनो हाथों के फिंगरप्रिंट (अलग-अलग कागज पर) और पासपोर्ट साइड फोटो चाहिए होगा.

Written By Satyam Kumar Published : November 10, 2024 12:48 PM IST

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Transfer Of Property Act, 1882

Property Act की धारा 54 के अनुसार, बिक्री (Sale),किसी वादे के पूरा होने या धन लेकर किसी संपत्ति का मालिकाना हक (Ownership) दूसरे को ट्रांसफर करना है.

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Sale Agreement या Contract Of Sale

सेल एग्रीमेंट पूरा होने पर खरीददार को संपत्ति की मालिकाना हक सौंपने की बात आती है, (ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट में इसे बिक्री के अनुबंध कहा गया है)

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Sale Deed

बिक्री विलेख यानि की सेल डीड इस बात का पुख्ता सबूत है कि खरीददार को संपत्ति की मालिकाना हक मिल गई है.

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Sale Deed का रजिस्ट्रेशन

और अब कानूनन रूप से संपत्ति का मालिकाना हक पाने के लिए सेल डीड का रजिस्ट्रेशन कराना होगा.

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Sub-Registrar Office

सेल डीड का रजिस्ट्रेशन सब-रजिस्ट्रार (Sub-Registrar) के ऑफिस में होगा.

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अचल संपत्ति का मालिकाना हक

रजिस्ट्रेशन एक्ट 1908 की धारा 32ए में अचल संपत्ति (घर, जमीन आदि) के सेल डीड का रजिस्ट्रेशन कराने जिक्र है,

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फिंगरप्रिंट और पासपोर्ट

जिसके अनुसार रजिस्ट्रेशन के दौरान खरीददार और विक्रेता के दोनो हाथों के फिंगरप्रिंट (अलग-अलग कागज पर) और पासपोर्ट साइड फोटो चाहिए होगा.

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स्टॉम्प ड्यूटी

वहीं, स्टॉम्प ड्यूटी देने के बाद सेल डीड का रजिस्ट्रेशन पूरा होता है. बता दें कि स्टॉम्प ड्यूटी का भुगतान खरीददार को ही करना पड़ता है.

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स्टॉम्प ड्यूटी तय करेगी राज्य सरकार

स्टॉम्प ड्यूटी राज्य सरकार तय करती है, जो संपत्ति खरीदने की कुल लागत का 3 से 10% तक होता है.

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कानूनन संपत्ति के मालिक

और सेल डीड का रजिस्ट्रेशन पूरा होते ही आप संपत्ति के कानूनी तौर पर मालिक बन जाएंगे.