'अवैध तरीके से धर्म परिवर्तन कराना 'डकैती-रेप-मर्डर' जितना गंभीर अपराध नहीं'
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'अवैध तरीके से धर्म परिवर्तन कराना 'डकैती-रेप-मर्डर' जितना गंभीर अपराध नहीं'
Maulvi Syed Shah Kazmi vs UP: मौलवी, जिस पर एक मानसिक रूप से असक्षम बच्चे का अवैध रूप से धर्म परिवर्तन कराने (Illegeal Religion Conversion) का आरोप लगा है, और उसे ना ही ट्रायल कोर्ट से और ना ही इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) से जमानत मिली. आइये जानते हैं कि जब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पास ये जमानत याचिका पहुंची तो क्या हुआ...
Written By Satyam KumarPublished : January 28, 2025 1:12 PM IST
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अवैध रूप से धर्मांतरण
Illegeal Conversion: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक मौलवी को जमानत देते हुए कहा कि किसी को एक धर्म से दूसरे धर्म में अवैध रूप से परिवर्तित करना हत्या, डकैती या बलात्कार जैसे अपराधों के समान गंभीर नहीं है
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मौलवी पर लगा आरोप
अपीलकर्ता मौलवी पर मानसिक रूप से असक्षम लड़के का अवैध रूप से इस्लाम में धर्म परिवर्तन करने का आरोप है.
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सुप्रीम कोर्ट
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ट्रायल कोर्ट देता जमानत
इस मामले को ट्रायल कोर्ट द्वारा अपने विवेक का प्रयोग कर आरोपी को जमानत दे देना चाहिए था.
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वाद की कुशल व्याख्या के लिए
हर साल कई सेमिनार और वर्कशॉप आयोजित की जाती हैं ताकि जजों, वाद की व्याख्या करने में अपने विवेक का सही उपयोग करने के लिए प्रशिक्षित किया जा सके.
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इलाहाबाद हाई कोर्ट से भी नाराज
इलहाबाद हाई कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा कि आरोप इतने गंभीर नहीं थे, जमानत से इंकार कर दिया जा सकता था.