SC: गुजारा-भत्ता देने को जमानती शर्तों में नहीं जोड़ा जा सकता
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SC: गुजारा-भत्ता देने को जमानती शर्तों में नहीं जोड़ा जा सकता
पत्नी को 4000 रूपये प्रति माह देने के फैसले को जमानती शर्तों में से हटाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट के अग्रिम जमानत देने का फैसला बरकरार रखा है.
Written By Satyam KumarPublished : January 15, 2025 6:42 PM IST
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सुप्रीम कोर्ट
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मुकदमे में हाजिर रहे आरोपी
अदालत ने कहा कि जमानत की शर्तें ऐसी होनी चाहिए जो न्याय का सामना करने के लिए आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करें.
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कैसी हों जमानत की शर्तें?
जमानत की शर्तों वैसे होनी चाहिए जो आरोपी को जस्टिस के लिए अदालत के सामने उपस्थित होने में मदद करें, न कि उन शर्तों को लागू करना जो न्यायिक शक्ति के प्रयोग के लिए अप्रासंगिक हैं.
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पत्नी की शिकायत
पत्नी द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए पति ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की.
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चार हजार रूपये गुजारा-भत्ता
हाई कोर्ट ने पति को अग्रिम जमानत देते समय पत्नी को महीने में 4000 रुपये गुजारा भत्ता देने की शर्त लगाई थी.
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पति ने जमानती शर्त को दी चुनौती
जिसके बाद पति ने पत्नी को 4000 रुपये हर महीने देने की शर्त को अनुचित बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
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जमानत रखा बरकरार
4000 देने के फैसले को जमानती शर्तों में से हटाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बेल देने का फैसला बरकरार रखा है.