जेल में बंद कैदियों को मुफ्त कानूनी सहायता पाने का अधिकार! जानें क्या कहता है संविधान
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जेल में बंद कैदियों को मुफ्त कानूनी सहायता पाने का अधिकार! जानें क्या कहता है संविधान
संविधान का आर्टिकल 39ए नागरिकों को समान न्याय और मुफ्त कानूनी सहायता देने के बारे में बताता है. यह अनुच्छेद राज्य को यह सुनिश्चित करने को देश के सभी नागरिकों न्याय पाने के लिए समान अवसर मिले, साथ ही राज्य उन योजनाओं लागू करें, जिससे लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता मिले.
Written By Satyam KumarPublished : November 19, 2024 3:41 PM IST
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कैदियों के अधिकार
सवाल क्या जेल में बंद गरीब कैदियों को कानूनी सहायता पाने का अधिकार है,
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मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार
जबाव है, हां. संविधान के आर्टिकल 39ए कैदियों को मुफ्त कानूनी सहायता देने की बात करता है.
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कैदियों को नहीं मिल रही सहायता
हाल में ही NALSA के कार्यकारी अध्यक्ष बने सुप्रीम कोर्ट जस्टिस बीआर गवई ने जेल में कैदियों को पर्याप्त कानूनी सहायता न मिलने से चिंता जताई है.
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जेल में सड़ रहे कैदी
जस्टिस ने कहा कि जेल में बंद कैदी बिना कानूनी सहायता के सड़ रहे हैं, क्योंकी उनका मुकदमा अदालत में लंबित हैं.
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लोगों को जानकारी नहीं!
जस्टिस ने इस दौरान समाज के हाशिए पर पड़े लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता के अधिकार को लेकर जागरूक करने को लेकर भी जोड़ दिया है.
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समान न्याय और मुफ्त कानूनी सहायता
संविधान का आर्टिकल 39ए नागरिकों को समान न्याय और मुफ्त कानूनी सहायता देने के बारे में बताता है,
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राज्य करें सुनिश्चित
यह अनुच्छेद राज्य को यह सुनिश्चित करने को देश के सभी नागरिकों न्याय पाने के लिए समान अवसर मिले,
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निशुल्क कानूनी सहायता
साथ ही राज्य उन योजनाओं लागू करें, जिससे लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता मिले.
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आर्थिक स्थिति
जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी नागरिक आर्थिक या अन्य अक्षमताओं के कारण न्याय तक पहुँच से वंचित न रहे.