संभल जामा मस्जिद का ASI सर्वे वर्शिप एक्ट का उल्लंघन हैं?
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संभल जामा मस्जिद का ASI सर्वे वर्शिप एक्ट का उल्लंघन हैं?
पूजा स्थल अधिनियम, 1991 स्वतंत्रता के बाद धार्मिक स्थलों की यथास्थिति को बनाए रखता है। अगर किसी मंदिर को स्वतंत्रता से पहले मस्जिद में बदल दिया गया था, तो वह स्वतंत्रता के बाद भी मस्जिद ही रहेगा। हालाँकि, प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत संरक्षित ऐतिहासिक इमारतें और स्थल वर्शिप एक्ट के दायरे में नहीं आएगी.
Written By Satyam KumarPublished : November 30, 2024 7:11 PM IST
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संभल जामा मस्जिद का होगा ASI सर्वे
संभल जामा मस्जिद का होगा ASI सर्वे
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सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने भी संभल जामा मस्जिद के ASI सर्वे को भले ही बाहर आने से रोक दिया हो,
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वर्शिप एक्ट 1991 का उल्लंघन
लेकिन ऐसे में जनसामान्य के मन में यह दुविधा व्याप्त है कि क्या संभल जामा मस्जिद में हुआ सर्वे वर्शिप एक्ट 1991 का उल्लंघन हैं.
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धार्मिक स्थलों की यथास्थिति
वर्शिप एक्ट 1991, आजादी के बाद धार्मिक स्थलों की यथास्थिति बनाए रखने की बात कहता है,
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मंदिर तोड़कर बने मस्जिद
यानि अगर आजादी से पहले किसी मंदिर को तोड़कर उसपर मस्जिद बना दिया गया हो, तो आजादी के बाद वह मस्जिद ही रहेगा.
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ASI संरक्षित स्थलों पर नहीं होगा लागू!
उसमें एक अपवाद ये भी है कि जो इमारतें और धार्मिक स्थल, ऐतिहासिक महत्व की होंगी और
प्राचीन स्मारक तथा पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत संरक्षित होंगी, वहां प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट लागू नहीं होगा,
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नहीं लागू होगा प्लेसेस ऑफ वार्शिप एक्ट
यानी ASI संरक्षित इमारतें और धार्मिक स्थल प्लेसेज ऑफ वरशिप एक्ट के दायरे से बाहर है.
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हिंदू पक्ष की दलील
यही हिंदू पक्ष की दलील है, संभल की मस्जिद ASI संरक्षित है और उस मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाया गया है.