महिलाओं को सशक्त बनाने वाले महत्वपूर्ण कानून

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 01 Mar, 2023

बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006

यह कानून बाल विवाह को व 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ शादी की आड़ में हो रहे शोषण को रोकने के लिए बनाया गया

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समान पारिश्रमिक अधिनियम 1976

इस अधिनियम के तहत महिलाओं और पुरुषों को समान कार्य के लिए एक समान वेतन मिलने का अधिकार है

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अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956

अनैतिक कामों के लिए स्त्री, पुरुष या बच्चों की खरीद व बिक्री करना अवैध दुर्व्यापार (इममोरल ट्रैफिकिंग) है

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मातृत्व लाभ अधिनियम 1961

यह अधिनियम मातृत्व के समय महिला के रोजगार की रक्षा करता है और मातृत्व लाभ का हकदार बनाता है

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गर्भ का चिकित्सीय समापन अधिनियम 1971

महिलायें कुछ विशेष परिस्थितियों में सरकारी अस्पताल में या सरकार की ओर से अधिकृत व प्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा गर्भपात करा सकती है

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सती (रोकथाम) अधिनियम 1987

इस अधिनियम का उद्देश्य सती प्रथा की रोकथाम है जिसमें जीवित विधवाओं को जिन्दा जला दिया जाता था

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दहेज निषेध अधिनियम 1961

दहेज लेना और देना दोनों ही दंडनीय अपराध है और इसके लिए सजा के सख्त प्रावधान बनाये गए इस अधिनियम के अंतर्गत

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पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994

कन्या भ्रूण हत्या और गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए एक संघीय कानून है जिससे प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगाया गया

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कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013

यह क़ानून कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को अवैध करार देता और उसके रोकथाम व निवारण हेतु बनाया गया

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घरेलू हिंसा से महिला संरक्षण अधिनियम, 2005

इस अधिनियम का उद्देश्य घरेलू हिंसा से महिलाओं को बचाना है और पीड़ित महिलाओं को कानूनी सहायता उपलब्ध कराना है

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