नाबालिग को क्यों नहीं मिली गर्भपात की अनुमति?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 27 Jun, 2023

बंबई उच्च न्यायालय का आदेश

बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ ने 15 वर्षीय एक नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को उसके गर्भ में पल रहे 28 हफ्ते के भ्रूण को गिराने की अनुमति देने से इनकार कर दिया

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बच्चे के जिंदा पैदा होने की संभावना

न्यायमूर्ति आर वी घुगे और न्यायमूर्ति वाई जी खोबरागड़े की खंडपीठ ने 20 जून के अपने आदेश में कहा कि यदि गर्भपात की प्रक्रिया के बावजूद किसी बच्चे के जिंदा पैदा होने की संभावना है, तो वह बच्चे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए गर्भावस्था की अवधि पूरी होने के बाद प्रसव की अनुमति देगी

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पीड़िता की मां ने दायर की थी याचिका

कोर्ट दुष्कर्म पीड़िता की मां की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें पीड़िता के गर्भ में पल रहे 28 हफ्ते के भ्रूण को गिराने की अनुमति मांगी गई थी

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फरवरी में लापता हो गई थी पीड़िता

याचिका के अनुसार पीड़िता इस साल फरवरी में लापता हो गई थी और तीन महीने बाद पुलिस ने उसे राजस्थान में एक व्यक्ति के साथ पाया था

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POCSO एक्ट के तहत केस दर्ज

आरोपी व्यक्ति के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (Protection of Children from Sexual Offences- POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था

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कोर्ट ने इस कारण नहीं दी अनुमति

दुष्कर्म पीड़िता की जांच करने वाले चिकित्सा दल ने कहा था कि अगर गर्भपात की प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है, तो भी बच्चा जीवित पैदा हो सकता है और उसे नवजात देखभाल इकाई में भर्ती करने की जरूरत पड़ेगी, साथ ही पीड़िता की जान को भी खतरा होगा

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