क्यों रद्द हुआ Telangana Eunuchs Act?

Ananya Srivastava

Image Credit: my-lord.in | 11 Jul, 2023

तेलंगाना HC का बड़ा कदम

एक याचिका की सुनवाई के दौरान तेलंगाना उच्च न्यायालय मुख्य न्यायाधीश उज्ज्वल भुइयां और न्यायाधीश सी वी भास्कर रेड्डी की पीठ ने 'तेलंगाना किन्नर अधिनियम' को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया है

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'ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की गरिमा पर हमला!'

पीठ ने अपने जजमेंट में यह कहा है कि उनके अनुसार यह अधिनियम तीसरे लिंग के मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है, यह उनकी निजी ज़िंदगी में दखल देता है और उनकी गरिमा पर हमला करता है

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इन अधिकारों के लिए आक्रामक है यह अधिनियम

कोर्ट ने यह भी माना है कि तेलंगाना किन्नर अधिनियम ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के निजता और गरिमा के अधिकार के लिए आक्रामक है; यह संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का भी उल्लंघन करता है

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अदालत ने सरकार को दिया निर्देश

अधिनियम रद्द करने के साथ-साथ अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वो शैक्षिक दाखिलों और सार्वजनिक रोजगार में ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के आरक्षण का प्रबंध करें

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ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को मिलेगी इस स्कीम की सुविधा

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने सरकार को यह निर्देश भी दिया है कि वो 2014 में तेलंगाना में लाई गई 'आसरा पेंशन स्कीम' के लाभ उठाने की सुविधा ट्रांसजेंडर लोगों को भी दें

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क्या है तेलंगाना किन्नर अधिनियम?

'तेलंगाना किन्नर अधिनियम' के तहत अगर उनपर लड़कों के अपहरण, उन्हें नपुंसक बनाने या अप्राकृतिक अपराध करने या बढ़ावा देने का संदेह हो, तो हैदराबाद शहर में रहने वाले किन्नरों का एक रजिस्टर रखना अनिवार्य था

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कब-कब हो सकती थी किन्नरों की गिरफ्तारी?

कोई किन्नर अगर सड़क या सार्वजनिक स्थान पर महिलाओं के कपड़े या गहने पहनकर गाते या नाचते हुए, सार्वजनिक मनोरंजन में भाग लेते हुए पाए जाते तो उनको बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता था; दो साल तक की जेल की सजा भी निर्धारित की गई थी

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