Uttarakhand HC ने क्यों जारी की AIMPLB को नोटिस - जानिये मामला

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 30 May, 2023

AIMPLB को नोटिस

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड' (AIMPLB) को एक नोटिस जारी किया है जिसका आधार मुस्लिम लड़कियों की शादी की लीगल एज से जुड़ी एक याचिका है

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मुस्लिम लॉ के तहत लड़कियों की शादी की उम्र

हाई कोर्ट ने यह नोटिस उस याचिका की सुनवाई के दौरान जारी की जिसमें मुस्लिम लॉ के तहत 18 साल से नीचे की उम्र वाली लड़कियों की शादी की इजाजत को चुनौती दी गई है

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Youth Bar Association of India की याचिका

कोर्ट ने AIMPLB को नोटिस एक जनहित याचिका सुनवाई के बाद दी जिसे 'Youth Bar Association of India' ने मुस्लिम लॉ के तहत लड़कियों की शादी के लिए उम्र पर सवाल उठाते हुए दायर किया है

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PIL में केंद्र को दिशा-निर्देश की मांग

याचिकाकर्ता ने HC से केंद्र सरक्रार को दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है ताकि वो एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार कर सकें, जिसके तहत इस बात का ध्यान रखा जाये कि 18 साल से कम उम्र की लड़की की शादी की इजाजत न दी जाए

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संवैधानिक अधिकार

इस याचिका के अनुसार, एक मुस्लिम लड़की की तब शादी करवा दी गई थी जब उसकी उम्र सिर्फ 15 साल थी. याचिका के हिसाब से इस शादी का सीधा असर लड़की के संविधान में दिए गए अधिकारों पर पड़ा

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अनुच्छेद 21 में दिए अधिकार प्रभावित

अनुच्छेद 21 में दिए गए अधिकार- सम्मान से जीने का मूल अधिकार, शिक्षा पाने का अधिकार, अच्छे स्वास्थ्य और सुरक्षा का अधिकार. इस कम उम्र में शादी कराने से लड़की पर शोषण और उत्पीड़न का खतरा भी बढ़ जाता है

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इन कानूनों का उल्लंघन

याचिका में यह सवाल भी उठाया गया कि यदि 18 साल से काम उम्र में एक मुस्लिम लड़की की शादी की होती है तो क्या इससे 'बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006' और 'लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012' जैसे कानूनों का उल्लंघन होता है

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शादी की लीगल ऐज

याचिका में यह भी कहा गया है कि लड़की के लिए शादी की उम्र कानून के हिसाब से 18 साल होती है लेकिन कोर्ट में कई ऐसे फैसले लिए गए हैं जिनमें मुस्लिम लड़की की शादी की लीगल एज 15 साल मानी गई है

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