किसी भी प्रकार के कार्य में बच्चों का नियोजन जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास को रोकता है और उन्हें उनकी बुनियादी शैक्षिक और मनोरंजन आवश्यकताओं से वंचित रखता है, वह बाल श्रम होता है.
Image Credit: my-lord.inइस अधिनियम के तहत 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से श्रम करवाना और कुछ प्रतिबंधित रोजगारों में 14 से 18 साल के किशोरों का नियोजन अपराध है और इसके लिए सजा के प्रावधान है.
Image Credit: my-lord.inअधिनियम की धारा 3 के अनुसार किसी भी बच्चे को अनुसूची के भाग A और भाग B में निर्धारित किसी भी व्यवसाय में या कोई भी प्रक्रिया में नियोजित करना निषेध है, बशर्ते की वह सरकार या अपने परिवार द्वारा स्थापित कार्यशाला हो.
Image Credit: my-lord.inभाग A के अनुसार, किसी भी बच्चे को 13 व्यवसायों में नियोजित या काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी जैसे-वधशालाएं, रेलवे में एश पिट की सफाई, विस्फोटकों, फाउंड्री आदि.
Image Credit: my-lord.inभाग B के तहत, किसी भी बच्चे को उस कार्यशाला में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसमें बीड़ी बनाना, सीमेंट निर्माण, अभ्रक काटना, माचिस, विस्फोटक निर्माण इत्यादि जैसे खतरनाक काम होते है.
Image Credit: my-lord.in14 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को काम पर रखने पर दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को तीन महीने से एक वर्ष तक का कारावास और 20,000 रुपये तक के जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.
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