गिरफ्तारी से जुड़े कई प्रावधान दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure-CrPC) में किए गए हैं. उन्हीं में से है धारा 41 और 41A
Image Credit: my-lord.inइस धारा के अनुसार पुलिस अधिकारी, मजिस्ट्रेट के ऑर्डर या वारंट के बिना ही किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है. इसके लिए पुलिस को इसकी गिरफ्तारी से पहले सूचना देने की भी जरूरत नहीं है
Image Credit: my-lord.inCrPC की धारा 41 के तहत ऐसी गिरफ्तारी संज्ञेय मामलों के साथ - साथ उन मामलों में भी होती है जब किसी व्यक्ति के खिलाफ ऐसी धाराओं में शिकायत दर्ज हो जिसमें सात साल की सजा का प्रावधान हो
Image Credit: my-lord.inइस धारा के अनुसार, सात साल से कम अवधि की सजा का प्रावधान वाले केस में गिरफ्तारी से पहले पुलिस के द्वारा नोटिस भेजना अनिवार्य है
Image Credit: my-lord.inCrPC की धारा 41A के मुताबिक, इन मामलों में पुलिस बिना सूचना दिए किसी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर सकती है
Image Credit: my-lord.inअगर पुलिस किसी को नोटिस भेजती है तो नोटिस जिस व्यक्ति के नाम निकाला गया है उसकी भी यह जिम्मेदारी है कि वह निर्देशों का पालन करे और तय समय पर पुलिस के सामने हाजिर हो
Image Credit: my-lord.inअगर कोई नोटिस मिलने के बाद भी पुलिस के सामने हाजिर नहीं होता, तो ऐसे में पुलिस कोर्ट से उस व्यक्ति के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करवा सकती है
Image Credit: my-lord.inवहीं अगर पुलिस बिना नोटिस दिए ही गिरफ्तार कर लेती है तो व्यक्ति को अंतरिम जमानत मिल सकती है कोर्ट से
Image Credit: my-lord.inजब कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के आरोप में कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था
Image Credit: my-lord.inसुनवाई के दौरान पवन खेड़ा के वकील ने ये दलील दी थी कि पुलिस ने इस गिरफ्तारी से पहले CrPC की धारा 41A के तहत कोई नोटिस नहीं भेजा था. इस केस की सुनवाई कर रहे CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने खेड़ा को अंतरिम जमानत देने का आदेश दिया था
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