गिरफ्तारी से पहले क्यों है नोटिस देना अनिवार्य -जानिये

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 01 Jun, 2023

गिरफ्तारी से जुड़े प्रावधान

गिरफ्तारी से जुड़े कई प्रावधान दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure-CrPC) में किए गए हैं. उन्हीं में से है धारा 41 और 41A

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CrPC की धारा 41

इस धारा के अनुसार पुलिस अधिकारी, मजिस्ट्रेट के ऑर्डर या वारंट के बिना ही किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है. इसके लिए पुलिस को इसकी गिरफ्तारी से पहले सूचना देने की भी जरूरत नहीं है

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संज्ञेय मामलों में ऐसी गिरफ्तारी

CrPC की धारा 41 के तहत ऐसी गिरफ्तारी संज्ञेय मामलों के साथ - साथ उन मामलों में भी होती है जब किसी व्यक्ति के खिलाफ ऐसी धाराओं में शिकायत दर्ज हो जिसमें सात साल की सजा का प्रावधान हो

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CrPC की धारा 41A

इस धारा के अनुसार, सात साल से कम अवधि की सजा का प्रावधान वाले केस में गिरफ्तारी से पहले पुलिस के द्वारा नोटिस भेजना अनिवार्य है

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बिना नोटिस नहीं कर सकते अरेस्ट

CrPC की धारा 41A के मुताबिक, इन मामलों में पुलिस बिना सूचना दिए किसी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं कर सकती है

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नोटिस मिलने के बाद

अगर पुलिस किसी को नोटिस भेजती है तो नोटिस जिस व्यक्ति के नाम निकाला गया है उसकी भी यह जिम्मेदारी है कि वह निर्देशों का पालन करे और तय समय पर पुलिस के सामने हाजिर हो

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अरेस्ट वारंट

अगर कोई नोटिस मिलने के बाद भी पुलिस के सामने हाजिर नहीं होता, तो ऐसे में पुलिस कोर्ट से उस व्यक्ति के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी करवा सकती है

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बिना नोटिस गिरफ्तार करने पर

वहीं अगर पुलिस बिना नोटिस दिए ही गिरफ्तार कर लेती है तो व्यक्ति को अंतरिम जमानत मिल सकती है कोर्ट से

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संबंधित मामला

जब कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के आरोप में कई धाराओं के तहत केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था

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मिली थी अंतरिम जमानत

सुनवाई के दौरान पवन खेड़ा के वकील ने ये दलील दी थी कि पुलिस ने इस गिरफ्तारी से पहले CrPC की धारा 41A के तहत कोई नोटिस नहीं भेजा था. इस केस की सुनवाई कर रहे CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने खेड़ा को अंतरिम जमानत देने का आदेश दिया था

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