जंतर मंतर पर विरोध और सुप्रीम कोर्ट के चतले कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है, लेकिन अब तक सिंह की गिरफ्तारी नहीं होने पर सवाल खड़े हो रहे है
Image Credit: my-lord.inबृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों की शिकायत पर कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में दो अलग अलग एफआईआर दर्ज की गई है. इस केस की जांच दिल्ली पुलिस की सात महिला अधिकारियों द्वारा की जा रही है
Image Credit: my-lord.inपहली FIR एक नाबालिग खिलाड़ी की शिकायत पर पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज की गयी है. इस FIR में Pocso Act की धारा 10 के साथ कुछ धाराएं IPC की भी जोड़ी गई है
Image Credit: my-lord.inदूसरी FIR अन्य महिला पहलवान की शिकायत के आधार पर दर्ज की गई है. जिनमें IPC की धारा 345,345 ए, 354 डी और धारा 34 में मामला दर्ज किया गया है
Image Credit: my-lord.inइस धारा के अनुसार अगर कोई व्यक्ति नाबालिग पर यौन हमला करता है तो उसे कम से कम 5 साल सश्रम कारावास की सजा से दंडित किया जाएगा
Image Credit: my-lord.inअदालत 5 साल की सजा को 7 साल की अवधि तक बढ़ाने के साथ-साथ जुर्माना भी लगा सकती है. यह गैर-जमानती अपराध है यानी इसमें अदालत ही जमानत दे सकती है
Image Credit: my-lord.inगैर जमानती अपराध के बावजूद अब तक दिल्ली पुलिस ने इस मामले में बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार नहीं किया है, जिसके पीछे भी कानूनी कारण है
Image Credit: my-lord.inIPC की धारा 41 ए और सुप्रीम कोर्ट के अलग - अलग फैसलों के अनुसार भी यदि एफआईआर में दर्ज अपराध के लिए निर्धारित सजा अधिकतम 7 साल से कम है तो आरोपी की गिरफ्तारी जरूरी नहीं होती है
Image Credit: my-lord.inसुप्रीम कोर्ट के अ़र्नेष कुमार, सत्येंद्र अंतिम समेत अन्य फैसलों में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि संज्ञेय अपराध के लिए भी अभियुक्त की गिरफ्तारी अनिवार्य नहीं है
Image Credit: my-lord.inइन फैसलों में स्पष्ट किया गया है कि आरोपी की गिरफ्तारी तभी जरूरी होती है जब ऐसे मामलों में जांच अधिकारी को लगे की गिरफ्तारी होनी चाहिए. यानी की जांच अधिकारी की इच्छा पर निर्भर करता है
Image Credit: my-lord.inपॉक्सो कानून में केस दर्ज होने के बाद और गिरफ्तारी हो जाने के बाद जमानत मिलने में मुश्किल होती है. इसलिए पुलिस के पास अधिकार है कि गिरफ्तार करने से पहले आरोप की सत्यता की जांच कर ले
Image Credit: my-lord.inएफआईआर दर्ज होने के बाद कोर्ट वारंट जारी करता है और अभियुक्त को जमानत लेना ही पड़ता है. यह कोर्ट तय करता है कि उसे जमानत दे या फिर जेल भेज दे
Image Credit: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!