सरकारी अधिकारी के आदेश की अवहेलना है अपराध

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 26 Feb, 2023

सरकारी अधिकारी का आदेश

वह दस्तावेज जो किसी व्यक्ति के नाम पर अदालत द्वारा निकाली जाती है, जिसे किसी लोक सेवक (सरकारी अधिकारी) के द्वारा भेजा जाता है वह आदेश कहलाता है.

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लोक सेवक का आदेश न मानकर गैरहाजिर रहना

IPC की धारा 174 के तहत  लोक सेवक द्वारा कोई समन, सूचना, या आदेश या उद्घोषणा निकाला गया है किसी व्यक्ति को एक निश्चित समय और निश्चित जगह पर हाजिर होने के लिए, इस आदेश का पालन अनिवार्य है. इस आदेश को ना मानना एक अपराध है.

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सजा क्या है

दोषी को एक महीने के कारावास या पांच सौ रुपए के जुर्माने से या फिर दोनों ही सजा दी जा सकती है.

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अदालत में पेशी का आदेश

अदालत में पेश होने के लिए समन, सूचना, या आदेश या उद्घोषणा निकाला गया और वह व्यक्ति हाजिर नहीं होता तो वह भी एक अपराध है. सजा- छ: महीने की जेल  या एक हजार रुपए का जुर्माना है या फिर दोनों.

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IPC की धारा 174A

दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 82 की उपधारा (1) के अधीन निकाले गए किसी उद्घोषणा में बताए गए किसी जगह पर या समय पर हाजिर नहीं होना भी अपराध. सजा - तीन साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों. 

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जब अपराधी घोषित किया गया है

अगर दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 82 की उपधारा (4) के अधीन  किसी व्यक्ति को अपराधी घोषित किया गया है, वो अगर निश्चित समय या जगह पर नहीं पहुंचता तो उसे सात साल की जेल या जुर्माना लगाया जा सकता है.

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