'राष्ट्रीय पुरुष आयोग' बनाने की PIL को SC ने क्यों किया खारिज?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 03 Jul, 2023

कोर्ट ने खारिज की याचिका

घरेलू हिंसा से पीड़ित विवाहित पुरुषों द्वारा आत्महत्या करने की घटनाओं से निपटने के लिए दिशा निर्देश बनाने और उनके हितों की रक्षा के लिए ‘‘राष्ट्रीय पुरुष आयोग’’ स्थापित करने का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया

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'केवल एकतरफा तस्वीर पेश करना चाहते हैं'

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने मामले पर विचार करने से इनकार करते हुए कहा कि, ‘‘आप केवल एकतरफा तस्वीर पेश करना चाहते हैं, क्या आप हमें शादी के तुरंत बाद जान गंवाने वाली युवतियों का आंकड़ा दे सकते हैं?...कोई भी आत्महत्या नहीं करना चाहता, यह अलग-अलग मामलों के तथ्यों पर निर्भर करता है’’

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NCRB रिपोर्ट का हवाला

शीर्ष न्यायालय वकील महेश कुमार तिवारी द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें भारत में दुर्घटनावश मौत पर 2021 में प्रकाशित राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया है कि उस साल देशभर में 1,64,033 लोगों ने आत्महत्या की, जिनमें 81,063 विवाहित पुरुष थे जबकि 28,680 विवाहित महिलाएं थीं

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पारिवारिक समस्या आत्महत्या का कारण

याचिका में NCRB के का हवाला दिया गया, जिसके अनुसार 2021 में करीब 33.2 प्रतिशत पुरुषों ने पारिवारिक समस्याओं के कारण जान दी और 4.8 प्रतिशत पुरुषों ने विवाह संबंधित मुद्दों के कारण आत्महत्या की

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पुरुषों का आंकड़ा ज्यादा

याचिका के तहत, इस साल कुल 1,18,979 पुरुषों ने खुदकुशी की जो करीब 72 प्रतिशत है और कुल 45,026 महिलाओं ने आत्महत्या की जो करीब 27 प्रतिशत है’

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