मणिपुर हिंसा से जुड़ी याचिका पर तत्काल सुनवाई से SC ने क्यों किया इनकार?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 20 Jun, 2023

मणिपुर हिंसा से जुड़ी याचिका

उच्चतम न्यायालय में कुकी जनजाति के लोगों की सुरक्षा के लिए सशस्त्र बलों की तैनाती हेतु एक याचिका दायर की गई जिसे तत्काल सूचीबद्ध करने की भी मांग की गई

Image Credit: my-lord.in

किसने दायर की याचिका और क्यों?

बता दें कि इस इंटरलोकटोरी एप्लीकेशन (IA) को मणिपुर ट्राइबल फोरम ने दायर किया और उनकी तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता कॉलिन गोंजाल्विस ने इसकी तात्कालिकता के बारे में बताया

Image Credit: my-lord.in

मणिपुर ट्राइबल फोरम ने लगाए आरोप

मणिपुर ट्राइबल फोरम का यह कहना है कि केंद्र सरकार और मणिपुर के मुख्यमंत्री ने उत्तर पूर्वी राज्य में कुकी आदिवासियों के ‘जातीय सफाये’ के उद्देश्य से समान एजेंडा चला रखा है

Image Credit: my-lord.in

आदिवासियों के लिए चाहिए सैन्य सुरक्षा?

मणिपुर ट्राइबल फोरम का ऐसा मानना है कि सरकार के आश्वासन 'खोखले' हैं और जिन्हें अदालत को मानना नहीं चाहिए और कुकी आदिवासियों को सैन्य सुरक्षा तुरंत प्रदान की जानी चाहिए

Image Credit: my-lord.in

तत्काल सुनवाई से SC ने किया इंकार

सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एमएम सुंदरेश की अवकाशकालीन पीठ ने इस याचिका की तत्काल सुनवाई से इनकार किया है और मामले की सुनवाई की तारीख 3 जुलाई, 2023 की तय की है

Image Credit: my-lord.in

मणिपुर में इंटरनेट सेवाएं भी हैं प्रतिबंधित

बता दें कि 3 मई से, जब से मणिपुर में हिंसा चल रहा है, राज्य में इंटरनेट सेवाओं पर भी बैन लगा दिया गया है; मणिपुर हाईकोर्ट ने अब राज्य प्राधिकरण को आदेश दिया है कि कुछ इलाकों में सीमित इंटरनेट सर्विस की पुनर्स्थापना होनी चाहिए

Image Credit: my-lord.in

मणिपुर में क्यों हुए दंगे?

मणिपुर के 10 जिलों में ATSUM द्वारा आयोजित आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद, 3 मई से राज्य में दंगे शुरू हो गए हैं और यह धरना मेइती समुदाय की अनुसूचित जाति का दर्जा पाने की मांग के खिलाफ हुआ था; इस हिंसा में अब तक करीब 100 लोगों की मौत हुई है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं

Image Credit: my-lord.in

कौन है मेइती समुदाय

मणिपुर में 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है; यह समुदाय काफी समय से अनुसूचित जाति के दर्जे की मांग कर रहे हैं

Image Credit: my-lord.in

नागा-कुकी समाज के बारे में

आदिवासियों-नगा और कुकी समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में बसती है; बता दें कि इन्हें पहले से ही अनुसूचित जाति का दर्जा मिला हुआ है

Image Credit: my-lord.in

पढ़ने के लिए धन्यवाद!

Next: 'पत्नी के नाम संपत्ति खरीदने हेतु किया गया लेनदेन बेनामी नहीं'

अगली वेब स्टोरी