'कम हो या ज्यादा, घरेलू हिंसा का कोई मापदंड नहीं!'

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 29 Jun, 2023

बंबई उच्च न्यायालय में याचिका

घरेलू हिंसा के एक मामले में सेशन्स कोर्ट ने एक ऑर्डर दिया था जिसे चुनौती देने वाली याचिका को बंबई उच्च न्यायालय ने अनुमति दे दी है

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'घरेलू हिंसा पर कार्रवाई का आधार मात्रा नहीं'

बंबई हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की है कि यदि कोई महिला यह साबित कर देती है कि उसे घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ा है, तो उस हिंसा की डिग्री या मात्रा कितनी है यह मायने नहीं रखता है

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घरेलू हिंसा क्या है?

अदालत ने यह कहा है कि हिंसा शारीरिक या लैंगिक हो यह जरूरी नहीं, हिंसा मानसिक, भावनात्मक और आर्थिक भी हो सकता है; यह सब घरेलू हिंसा के तहत आता है

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सेशन्स कोर्ट के फैसले को किया खारिज

हाईकोर्ट ने जेएमएफसी कोर्ट के फैसले को खारिज किया है और कहा है कि इस विषय से जुड़े किसी भी मामले में अदालत अपने हिसाब से हिंसा को कम-ज्यादा या छोटा-बड़ा नहीं कह सकती है

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जेएमएफसी कोर्ट का फैसला

जेएमएफसी ने अपने ऑर्डर में कहा है कि याचिकाकर्ता ने प्रतिवादी पर घरेलू हिंसा के जो आरोप लगाए हैं तो 'छोटे' हैं जिसको याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी

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जानें क्या था मामला

याचिकाकर्ता का यह कहना है कि उनके पति ने शादी के बाद उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें यौन शोषण का भी सामना करना पड़ा है; यह बर्ताव उनकी बेटी ने भी सहा

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महिला ने दर्ज किया केस

इस सबके चलते याचिकाकर्ता अपनी मां के घर पर रहने लगी और फिर उन्होंने 'घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005' के तहत अपने पति के खिलाफ मामला दर्ज किया

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