किसी भी कंपनी में बहुत से पद होते हैं उन्ही में से एक है स्वतंत्र निदेशक (Independent Director)
Image Credit: my-lord.inकंपनी अधिनियम (Companies Act), 2013 के धारा 149(6) के अनुसार किसी भी कंपनी में एक स्वतंत्र निदेशक वह व्यक्ति होता है, जिसका उस कंपनी से कोई आंतरिक संबंध नहीं होता
Image Credit: my-lord.inस्वतंत्र निदेशक कंपनी के कई कामकाज के लिए जिम्मेदार होता है. यह एक तरह से एक सलाहकार की भूमिका निभाते हैं. कंपनी के गैरकानूनी कामों पर नजर रखता है
Image Credit: my-lord.inकॉर्पोरेट प्रशासन के गठन में अपना योगदान देना, मैनेजमेंट के काम की समीक्षा करना, मैनेजमेंट और शेयरहोल्डर्स के बीच विवाद को सुलह कराना, विवरणों और डिस्क्लोजर की समीक्षा और निगरानी करना, अंतर कॉर्पोरेट ऋणों और निवेशों की जांच करना
Image Credit: my-lord.inप्रबंधन और प्रमोटर-समूह के संचालन की निगरानी करना, सभी हितधारकों के हितों की रक्षा करना, कंपनी के शीर्ष अधिकारियों और प्रबंधकों के लिए उचित पारिश्रमिक स्तर निर्धारित करना, अनैतिक व्यवहार, धोखाधड़ी, या कंपनी की नीतियों के उल्लंघन की रिपोर्ट करना
Image Credit: my-lord.inकंपनी अधिनियम, 2013 की अनुसूची 4 और धारा 149 के तहत स्वतंत्र निदेशक की आचार संहिता और उसके कर्तव्यों के बारे प्रावधान किया गया है
Image Credit: my-lord.inसत्यम कंप्यूटर्स घोटाले के वक्त भारत की चौथी सबसे बड़ी आईटी कंपनी में शामिल था. कंपनी के सीईओ श्री रामलिंगम राजू ने धोखाधड़ी की सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर ली थी और कहा था कि उन्होंने कंपनी के वित्तीय रिकॉर्ड और राजस्व (रेवेन्यू) को बढ़ा-चढ़ाकर बताया. इस मामले में स्वतंत्र निदेशक पर वित्तीय धोखाधड़ी का पता लगाने में लापरवाही बरतने का आरोप लगा था
Image Credit: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!