प्राकृतिक व्यक्ति का मतलब ऐसे जीवित प्राणी से है जिसमें कुछ अधिकार निहित होते हैं तथा जिस पर कुछ कर्त्तव्य लागू किये जा सकते हैं। आवश्यक शर्त— (क) उसका जीवित पैदा होना (ख) उसकी प्रास्थिति को मान्यता प्राप्त होना
Image Credit: my-lord.inहिंदू समाज में, जब कोई व्यक्ति संन्यासी बन जाता है, तो उसके मालिकाना अधिकार समाप्त हो जाते हैं और उसकी संपत्ति उसके उत्तराधिकारियों के पास चली जाती है जैसे कि वह मर गया हो
Image Credit: my-lord.inविधिक व्यक्ति यूनानी शब्द से प्रेरित है जिसका मतलब मुखौटा अर्थात व्यक्तित्व शब्द से मतलब व्यक्ति द्वारा विधिक रूप से मुखौटा पहनने से है, जैसे कोई निगम आदि
Image Credit: my-lord.inकुछ विशिष्ट प्रयोजनों में प्रयुक्त निधि या सम्पदा को भी विधिक व्यक्ति माना गया है। पूर्व निधि, न्यास सम्पदा भी है विधिक व्यक्ति। पूर्व निधि, न्यास सम्पदा, मृतक या दिवालिया व्यक्ति की सम्पत्ति आदि इसके तहत आती हैं
Image Credit: my-lord.inमूर्ति एवं निधि को न्यायिक व्यक्ति माना जाता है। इसके पास संपत्ति होती है. यह मुकदमा कर सकता है और इस पर मुकदमा चलाया जा सकता है
Image Credit: my-lord.inइस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरु साहिब की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और पवित्रता बताते हुए इसे एक न्यायिक व्यक्ति माना था
Image Credit: my-lord.inकॉर्पोरेट व्यक्तित्व के विभिन्न सिद्धांत हैं जिन्होंने इसकी प्रकृति और अधिकार के बारे में सिद्धांत बनाने का प्रयास किया है
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