एक व्यक्ति को पक्षद्रोही तब कहा जाता है जब वह “बहुत अव्यवहारिक (अनफ्रेंडली) या आक्रामक (एग्रेसिव) और हमेशा बहस करने या लड़ने के लिए तैयार” होता है
Image Credit: my-lord.inपक्षकार द्वारा अपने ही साक्षी से प्रश्न किया जाना न्यायालय उस व्यक्ति को, जो साक्षी को बुलाता है, उस साक्षी से कोई ऐसे प्रश्न करने की अनुज्ञा दे सकेगा, जो प्रतिपक्षी द्वारा प्रतिपरीक्षा में किये जा सकते हैं
Image Credit: my-lord.inअगर कोर्ट को केस के किसी भी स्टेज पर ये लगे कि गवाह शपथ लेकर झूठ बोल रहा है, तो वह उसके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए कार्यवाही कर सकती है
Image Credit: my-lord.inपक्षद्रोही गवाह अगर दोषी को बचाने के लिए कोई झूठ बोल रहा है, तो शिकायतकर्ता कोर्ट और पुलिस दोनों कि मदद से उस झूठे गवाह के खिलाफ कार्यवाही कर सकता है
Image Credit: my-lord.inधारा 143 के अंतर्गत, सूचक प्रश्न पूछे जा सकेंगे, धारा 145 के अंतर्गत, उसके पूवर्तन लेखबद्ध कथन के बारे में प्रश्न पूछे जा सकेंगे, धारा 146 के अंतर्गत, उसकी सत्यवादिता परखने से सम्बंधित, वह कौन है और जीवन में उसकी स्थिति क्या है इससे सम्बंधित प्रश्न पूछे जा सकते हैं
Image Credit: my-lord.inइस मामले में यह कहा गया कि एक गवाह को पक्षद्रोही गवाह और जिस पक्ष ने उसे बुलाया उसके द्वारा प्रति परीक्षा के लिए उसे उत्तरदायी तब माना जाना चाहिए, जब अदालत इस बात को लेकर संतुष्ट हो कि वह गवाह उस पक्ष के खिलाफ, जिसके लिए वह साक्षी के तौर पर पेश हुआ है, (hostile animus) का भाव रखता है या वह सत्य बोलने के लिए तैयार नहीं है
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