नशे में किया गया कृत्य कब अपराध नहीं माना जाता

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 25 Apr, 2023

IPC की धारा 85 और धारा 86

भारतीय दंड संहिता की धारा 85 और धारा 86 में नशे के कारण किसी व्यक्ति द्वारा किए गए कार्यों से संबंधित प्रावधान के बारे में बताया गया हैं.

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क्या है IPC की धारा 85

नशे में धुत व्यक्ति के कार्य को IPC की धारा 85 के तहत आपराधिक दायित्व से छूट दी गई है, जिसका अर्थ है कि आरोपी पर उसके द्वारा किए गए अपराध का आरोप नहीं लगाया गया है क्योंकि उसका यह कार्य आपराधिक नियत की अनुपस्थिति को दर्शाता है

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IPC की धारा 86

IPC की धारा 86 के तहत, यदि व्यक्ति अपनी मर्जी से नशा करता है और फिर वह नशे में रहते हुए अपराध करता है तो वह अपने कार्य के लिए उत्तरदायी होगा और वह व्यक्ति IPC की धारा 85 के तहत बचाव की बात नहीं कर सकता

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वेंकप्पा कन्नप्पा चौधरी बनाम कर्नाटक केस

इस मामले में अदालत ने कहा कि कोई व्यक्ति अपनी मर्ज़ी से शराब का सेवन करके, नशे की हालत में कोई अपराध करता है तो वह व्यक्ति कोर्ट में आकर यह नहीं कह सकता है कि उसने शराब का सेवन किया था और इसलिए,उसे IPC की धारा 85 का लाभ मिलना चाहिए

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बाबू सदाशिव जाधव बनाम महाराष्ट्र केस

अदालत ने आरोपी को अपनी पत्नी की हत्या का दोषी ठहराया, क्योंकि आरोपी को अपनी पत्नी को जलाने के बाद एहसास हुआ कि उसने क्या किया है और फिर वह आग बुझाने की कोशिश करता है इससे पता चलता है कि उसने नशे की हालत में जान बूझकर ये अपराध नहीं किया

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