भारत में देह व्यापार कब बन जाता है अपराध- जानिये कानून

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 28 May, 2023

भारत में देह व्यापार

हमारे देश में देह व्यापार से संबंधित कानून में बहुत से बदलाव किए गए हैं. कब देह व्यापार अपराध बन जाता इस पर सुप्रीम कोर्ट ने दिशा निर्देश जारी किए हैं

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सुप्रीम कोर्ट का आदेश

देह व्यापार, वेश्यावृत्ति या जिस्मफरोशी (Prostitution), सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2010 में दिए गए एक महत्वपूर्ण आदेश के बाद एक तरह से पेशा बन गया है

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भारतीय दंड संहिता के तहत

भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत, वेश्यावृत्ति वास्तव में अवैध नहीं है, लेकिन कुछ गतिविधियां ऐसी हैं जो वेश्यावृत्ति का एक बड़ा हिस्सा है और कुछ प्रावधानों के तहत दंडनीय हैं

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वेश्यावृत्ति उन्मूलन विधेयक 1956

वेश्यावृत्ति उन्मूलन विधेयक 1956 के मुताबिक, सेक्स वर्कर निजी तौर पर यह काम कर सकती हैं

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अनैतिक ट्रैफिक रोकथाम अधिनियम 1986

अनैतिक ट्रैफिक रोकथाम अधिनियम (Prevention of Immoral Trafficking),1986 के तहत कोई सेक्स वर्कर किसी को शारीरिक संबंध बनाने के लिए जबरदस्ती नहीं कर सकती. ऐसा करना एक दंडात्मक अपराध माना गया है

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नंबर, सार्वजनिक करना अपराध

कॉल गर्ल अपना फोन नंबर सार्वजनिक नहीं कर सकतीं. पकड़े जाने पर 6 महीने तक की सजा और जुर्माना भी देना पड़ सकता है

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वैश्यालय चलाना अवैध

19 मई, 2022 को, सुप्रीम कोर्ट ने माना कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत सेक्स वर्कर्स को सम्मान और जीवन के अधिकार की गारंटी है, लेकिन वैश्यालय चलाना अपराध माना जाएगा

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अरेस्ट नहीं किया जा सकता

सुप्रीम के कोर्ट के निर्देश के अनुसार, अपनी मर्जी से इस पेशे में आने वाले लोगों को अरेस्ट, दंडित, परेशान या छापेमारी के जरिए प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए

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यौन उत्पीड़न की शिकायत पर

SC के मुताबिक, अगर कोई सेक्स वर्कर अपने खिलाफ हुए यौन उत्पीड़न की शिकायत पुलिस में करती है तो उनके साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए. ऐसे मौके पर उन्हें हर सहायता मिलनी चाहिए, जिनमें तुरंत मेडिकल और कानूनी सहायता उपलब्ध कराना शामिल है

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सेक्स वर्कर के बच्चे

जिन सेक्स वर्कर के बच्चे हैं उन्हे अपनी मां से दूर नहीं करना चाहिए. बच्चे के देखभाल का पूरा हक मां का होना चाहिए. अगर किसी नाबालिग को सेक्स वर्कर्स के साथ रहते हुए पाया जाता है तो ये नहीं माना जाना चाहिए कि उसकी तस्करी की गई है

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देह व्यापार कब अपराध की श्रेणी में आता है

अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत वेश्यागृह चलाना अपराध; किसी मकान, या स्थान का मालिक, किराएदार, भारसाधक, एजेंट के द्वारा वेश्यागृह के लिए इस्तेमाल करना; सार्वजनिक स्थानों या उसके आस-पास वेश्यावृत्ति करना; होटल में यह कृत करने पर होटल का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा

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हालिया मामला

हाल ही में मुंबई के सत्र अदालत ने मजिस्ट्रेट के आदेश रद्द करते हुए एक आश्रय गृह को 34-वर्षीय महिला को रिहा करने का निर्देश दिया. महिला को देह व्यापार के आरोप में वहां (आश्रय गृह में) रखा गया था.अदालत ने कहा कि यौन-कार्य को तभी अपराध कहा जा सकता है, जब यह ऐसे सार्वजनिक स्थान पर किया जाए जिससे दूसरों को दिक्कत होती है. मजिस्ट्रेट की अदालत ने 15 मार्च को महिला को देखभाल, सुरक्षा तथा आश्रय के नाम पर मुंबई के आश्रय गृह में एक साल तक रखने का निर्देश दिया था

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