भारत के संविधान में न सिर्फ नागरिकों के मूल अधिकार और उनके कर्तव्य तय किए गए हैं बल्कि विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका किस तरह काम करेंगे और उनकी शक्तियों का विभाजन कैसा होगा इसके बारे में भी बताया गया है
Image Credit: my-lord.inसंविधान देश का सर्वोच्च कानून है इसलिए इसका अपमान करना या फिर इसकी प्रति जलाने की कोशिश एक गंभीर अपराध की श्रेणी में आते हैं, जिसके लिए हमारे देश के कानून में सजा का प्रावधान है
Image Credit: my-lord.inसंविधान के 69वां एक्ट 'राष्ट्र-गौरव अपमान-निवारण अधिनियम, 1971' है जिसकी दूसरी धारा में भारत के झंडे और संविधान के प्रति अपमान करने की सजा के बारे में बताया गया है.
Image Credit: my-lord.inइस अधिनियम की धारा 2 के तहत जो कोई भी किसी सार्वजनिक जगह पर भारत के झंडे या संविधान या उसके किसी हिस्से को जलाता है, फाड़ता है, खराब करता है या अपने शब्दों से उसका अपमान करता है, तो उसके लिए सजा का प्राविधान है
Image Credit: my-lord.inसंविधान का अपमान करने पर सजा में कम से कम एक साल और अधिकतम तीन साल तक की जेल या जुर्माना, या फिर दोनों हो सकते हैं
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