ऑनलाइन कंपनी से डेटा चुराने पर क्या है सजा?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 05 Jun, 2023

बढ़ रहा साइबर अपराध

ऑनलाइन शॉपिंग की डिमांड जितनी ज्यादा बढ़ गई है उतनी ही तेजी से इससे संबंधित अपराध भी अपना पैर पसार रहे हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है राजस्थान से

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क्या था मामला

राजस्थान पुलिस की विशेष शाखा ‘स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप’ ने एक ऑनलाइन कंपनी से डाटा चुराकर उसे ब्लैकमेल करने वाले साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया

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1500 डॉलर का सौदा

कंपनी ऑनलाइन लेडीज अंडर गारमेंट्स सप्लाई करती थी. उदयपुर निवासी आरोपी संजय ने कंपनी से खासकर महिलाओं के डेटा को हैक कर इस्लामिक देशों में बेचने की धमकी दी और 1500 डॉलर का सौदा किया और अपने बैंक खाते में 1000 डॉलर प्राप्त किए

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सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश

आरोपी ने 16 मई को एक ट्विटर हैंडल से ट्विट किया कि 15 लाख हिंदू लड़कियों का डेटा इस्लामिक देशों में भेजा जा रहा है औऱ सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग देने की भी कोशिश की

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इन धाराओं के तहत केस दर्ज

30 मई को आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया. आरोपी के खिलाफ आईटी धारा 66 और Indian Penal Code की धारा 295A और 153A के तहत मामला दर्ज किया है

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आईटी एक्ट की धारा 66

Information Technology Act की धारा 66 के अनुसार अगर कोई धारा 43 में बताए अपराधों को जैसे; कंप्यूटर सिस्टम के साथ हैकिंग या कंप्यूटर सिस्टम और नेटवर्क का अनऑथराइज्ड इस्तेमाल, करता है तो दोषी पाए जाने पर 3 साल तक की कैद और 5 लाख रुपये तक का फाइन या दोनो सजा हो सकती है

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IPC की धारा 295A

जो भी व्यक्ति, भारत के नागरिकों के किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से, जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से या तो बोलकर या लिखकर शब्दों द्वारा, या संकेतों या दृश्य प्रस्तुतियों (Visible Representation) द्वारा या अन्य किसी माध्यम से, उस वर्ग के धर्म या धार्मिक मान्यताओं का अपमान करता है या अपमान करने का प्रयास करता है, तो ऐसे व्यक्ति को दोषी साबित होने पर 3 साल तक की जेल या जुर्माने या दोनों ही सज़ा हो सकती है

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IPC की धारा 153A

इसके तहत ‘धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने और सद्भाव बिगाड़ने’ पर 3 साल तक के कारावास, या जुर्माना, या दोनों सजा का प्रावधान है

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