समन एक ऐसा आदेश होता है जो किसी व्यक्ति को एक निश्चित तिथि और समय पर किसी कारण से अदालत के समक्ष पेश होने पर मौजूद होने के लिए दिया जाता है.
Image Credit: my-lord.inCrPC की धारा 61 के अनुसार, कोर्ट द्वारा जारी समन लिखित रूप में न्यायालय की सील के साथ होगा, जिसकी दो कॉपी होगी. यह कॉपी पीठासीन अधिकारी, समन किए गये व्यक्ति को देता है.
Image Credit: my-lord.inCrPC की धारा 62 में समन की तामील का उल्लेख है. जिसके लिए समन किया गया है उसे समन की कॉपी deliver की जाती है. बतौर सबूत समन की दूसरी कॉपी के पीछे हस्ताक्षर लिया जाता है.
Image Credit: my-lord.inधारा 63 के तहत, Corporate Bodies या Societies को समन, उस निकाय के सेक्रेटरी या लोकल मैनेजर या चीफ ऑफिसर को लेटर के जरिये भेजा जाता है.
Image Credit: my-lord.inजिसे समन भेजा जा रहा है वह न मिले तो उसके घर के किसी बड़े (नौकर नहीं) को देकर उनसे समन की दूसरी कॉपी के पीछे हस्ताक्षर लिए जाते हैं या घर पर चिपका दिया जाता है.
Image Credit: my-lord.inधारा 66 के उप धारा 1 के अनुसार जब एक सरकारी सेवक को समन किया गया है तो अदालत उस समन को उस सेवक के हेड ऑफिस भेजेगी.
Image Credit: my-lord.inधारा 67 के तहत, अदालत मामूली तौर पर ऐसा समन दो प्रतियों में उस मजिस्ट्रेट को भेजेगी जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अंदर उसकी तामील की जानी है या समन किया गया व्यक्ति कहां रहता है.
Image Credit: my-lord.inजो अधिकारी समन पहुंचाएगा, वो प्राप्तकर्ता का हस्ताक्षर करवाएगा और एक एफिडेविट तैयार करेगा जिसमें समन को सही व्यक्ति तक पहुंचाने की जानकारी होगी.
Image Credit: my-lord.inसमन के कॉपी पर प्राप्तकर्ता का हस्ताक्षर और एफिडेविट समन पहुंचाने के सबूत माने जाते हैं जिसे मजिस्ट्रेट के पास पहुचाना होता है और मजिस्ट्रेट अदालत को सौंप देगा.
Image Credit: my-lord.inधारा 69(1) के अनुसार, अदालत जब किसी गवाह को समन भेजती है तो वो जहां रहता है या काम करता है उस जगह पर समन की कॉपी को एक पंजिकृत डाक द्वारा भेजा जाएगा.
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