कानूनी भाषा में शपथ एक औपचारिक वादा है जो कोई व्यक्ति अदालत से करता है. ऐसे में शपथ लेने के बाद वो व्यक्ति कटघरे में झूठ नहीं बोल सकता है.
Image Credit: my-lord.inआज अगर आप किसी से पूछें कि अदालत में गवाही देने से पहले शपथ कैसे ली जाती है तो ज्यातातर लोग कहेंगे कि गीता, कुरान या बाइबल पर हाथ रखकर लोग शपथ लेते हैं क्योंकि फिल्मों में आज भी इसी प्रथा को दिखाया जाता है.
Image Credit: my-lord.inमुग़ल शासन के वक़्त धार्मिक ग्रंथो पर हाथ रखकर कसम खाने की प्रथा शुरू हुई थी. तब यह प्रक्रिया केवल एक दरबारी प्रथा थी ना की कोई कानून था.
Image Credit: my-lord.inमुग़लो की इस प्रथा को अंग्रेजों ने कानून का रूप दिया और Indian Oaths Act,1873 को पास किया और सभी अदालतों में लागू कर दिया।
Image Credit: my-lord.inइस एक्ट के अनुसार, हिंदू गीता पर हाथ रखकर, मुस्लिम कुरान पर हाथ रख कर, और ईसाई बाइबल पर हाथ रख कर शपथ लेते थे. ऐसे ही बाकि धर्म के लोग अपने-अपने धर्मक ग्रंथो पर हाथ रखकर शपथ लेते थे.
Image Credit: my-lord.inवर्ष 1969 में धर्मक ग्रंथो पर हाथ रखकर कसम खाने की इस प्रथा को समाप्त कर दिया गया, जब लॉ कमीशन ने अपनी 28वीं रिपोर्ट सौंपी. Indian Oaths Act,1873 की जगह Oaths Act, 1969 को पास किया गया.
Image Credit: my-lord.inनए कानून के अनुसार, अब शपथ सिर्फ एक सर्वशक्तिमान भगवान के नाम पर दिलाई जाती है, “मैं ईश्वर की शपथ लेता हूं, ईमानदारी से पुष्टि करता हूं कि मैं जो कहूंगा सच,कहूंगा और सच के अलावा कुछ नहीं कहूंगा.”
Image Credit: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!