अदालतों में गवाहों के लिए क्या है शपथ का नया नियम

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 30 Mar, 2023

कानून में शपथ (Oath) क्या है

कानूनी भाषा में शपथ एक औपचारिक वादा है जो कोई व्यक्ति अदालत से करता है. ऐसे में शपथ लेने के बाद वो व्यक्ति कटघरे में झूठ नहीं बोल सकता है.

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धार्मिक ग्रंथो पर हाथ रख कर ली जाती है शपथ?

आज अगर आप किसी से पूछें कि अदालत में गवाही देने से पहले शपथ कैसे ली जाती है तो ज्यातातर लोग कहेंगे कि गीता, कुरान या बाइबल पर हाथ रखकर लोग शपथ लेते हैं क्योंकि फिल्मों में आज भी इसी प्रथा को दिखाया जाता है.

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कैसे हुई थी इस प्रथा की शुरुवात?

मुग़ल शासन के वक़्त धार्मिक ग्रंथो पर हाथ रखकर कसम खाने की प्रथा शुरू हुई थी. तब यह प्रक्रिया केवल एक दरबारी प्रथा थी ना की कोई कानून था.

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कैसे बना कानून ?

मुग़लो की इस प्रथा को अंग्रेजों ने कानून का रूप दिया और Indian Oaths Act,1873 को पास किया और सभी अदालतों में लागू कर दिया।

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उस समय ऐसे ली जाती थी शपथ.

इस एक्ट के अनुसार, हिंदू गीता पर हाथ रखकर, मुस्लिम कुरान पर हाथ रख कर, और ईसाई बाइबल पर हाथ रख कर शपथ लेते थे. ऐसे ही बाकि धर्म के लोग अपने-अपने धर्मक ग्रंथो पर हाथ रखकर शपथ लेते थे.

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कब बदला नियम

वर्ष 1969 में धर्मक ग्रंथो पर हाथ रखकर कसम खाने की इस प्रथा को समाप्त कर दिया गया, जब लॉ कमीशन ने अपनी 28वीं रिपोर्ट सौंपी. Indian Oaths Act,1873 की जगह Oaths Act, 1969 को पास किया गया.

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अब ऐसे ली जाती है शपथ

नए कानून के अनुसार, अब शपथ सिर्फ एक सर्वशक्तिमान भगवान के नाम पर दिलाई जाती है, “मैं ईश्वर की शपथ लेता हूं, ईमानदारी से पुष्टि करता हूं कि मैं जो कहूंगा सच,कहूंगा और सच के अलावा कुछ नहीं कहूंगा.”

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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