भूमि के क्रय या विक्रय में दाखिल ख़ारिज का क्या महत्व है?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 19 Jun, 2023

भूमि खरीदने के बाद अनिवार्य प्रक्रिया

कृषि भूमि अथवा आवासीय भूमि खरीदने के समय आपने जमीन का दाखिल ख़ारिज या म्युटेशन की प्रक्रिया के बारे में जरूर सुना होगा. यह प्रक्रिया किसी भी व्‍यक्ति के लिये भूमि खरीदने के उपरान्त रजिस्ट्रेशन करवाने के समय की जाने वाली एक अनिवार्य प्रक्रिया है

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भूमि का पूर्णं स्वामित्व नहीं मिलता

हमारे देश में कृषि भूमि अथवा आवासीय भूमि का हस्‍तांतरण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को होता है. आपको बता दे की भूमि के दाखिल ख़ारिज या म्युटेशन की प्रक्रिया को पूरा किये बिना कोई भी व्‍यक्ति भूमि का पूर्णं रूप से स्‍वामी नहीं बन सकता है

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दाखिल ख़ारिज क्या है?

देश के किसी भी राज्‍य में संपत्ति का हस्‍तांरण एक क़ानूनी प्रक्रिया के तहत उसके कानूनी हक दार को ट्रांसफर किया जाता है. इसके तहत परिवार के मुखिया जिसके नाम पर भूमि है, को हटा कर उसके पुत्र अथवा पुत्री का नाम लैंड रिकॉर्ड में दर्ज करवाया जाता है जिसे दाखिल ख़ारिज कहते हैं

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पैतृक भूमि का दाखिल खारिज बहुत जरूरी

आपको बता दे की अपनी पैतृक भूमि का दाखिल खारिज करवाना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि इसके बिना कोई भी व्यक्ति भूमि का स्‍वामी नहीं बन सकता

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मुआवजे हेतु लैंड रिकॉर्ड में नाम जरुरी

सरकार के द्धारा कभी किसी ख़ास परियोजना या फिर किसी सरकारी काम के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जाता है, ऐसी स्थिति में उन व्यक्तियों को ही मुआवजे की रकम प्राप्‍त होती है जिनका नाम दाखिल ख़ारिज की प्रक्रिया के तहत लैंड रिकॉर्ड में दर्ज होता है

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मालिकाना हक का निपटारा आसान

दाखिल खारिज का मतबल उस लाभ से है जिसके जरिये आपको पैतृक भूमि पर कानूनी अधिकार प्राप्त होता है. भूमि के मालिकाना हक से संबंधित विवाद के निपटारे में इसका महत्वपूर्ण योगदान होता है. यदि जमीन का दाखिल ख़ारिज है तो इसके खरीदार या विक्रेता को किसी प्रकार की समस्‍या नहीं करना होती

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