क्या होता है Shoot at Sight Order, क्या पुलिस दे सकती है ऐसा आदेश?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 05 May, 2023

मणिपुर में 'शूट एट साइट' आदेश जारी

मणिपुर में हिंसा की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है. बढ़ रहे विवाद की वजह से प्रशासन ने हिंसाग्रस्त इलाकों में सख्ती बढ़ा दी है. राज्य की सुरक्षा के लिए सरकार ने 'शूट एट साइट' आदेश जारी किया है

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Shoot at Sight Order

शूट एट साइट का हिंदी में मतलब होता है कि देखते ही गोली मारने का आदेश, लेकिन हमारे देश के कानून के अनुसार किसी के पास भी किसी को गोली मारने का अधिकार नहीं है

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दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973

दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के तहत मौके पर मौजूद मजिस्ट्रेट या पुलिस अधिकारी के पास यह अधिकार होता है कि वह भीड़ को गैर-कानूनी घोषित कर सकता है

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IPC की धारा 144

तनावपूर्ण स्थिति में धारा 144 लगाई जाती है. ऐसे में पुलिस कमिश्नर को इसका आदेश देना होता है. धारा 144 लगाए जाने के बाद भी कई लोग विरोध प्रदर्शन में शामिल होते हैं तो दंड संहिता की धारा 129, 130, 131 का इस्तेमाल करके भीड़ को तितर-बितर किया जा सकता है

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IPC की धारा 8

यह अलग - अलग स्थितियों में लागू की जा सकती है. IPC की धारा 144 लागू होने के बाद किसी एक जगह पर 5 से ज़्यादा लोगों का एक साथ खड़ा होना गैरकानूनी होगा

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जान से मारने के लिए नहीं चला सकते गोली

पूर्व यूपी डीजीपी के अनुसार गोली जान से मारने के लिए नहीं चलाई जानी चाहिए बल्कि घायल करके तितर-बितर करने और गिरफ्तार करने के लिए ही चलाई जानी चाहिए . कोई कत्ली या इनामी अपराधी भी हो तो भी उसे देखते ही गोली नहीं मारी जा सकती

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पुलिस बल का प्रयोग कब

IPC की धारा 131 के तहत सशस्त्र बलों को ज़िलाधिकारी की आज्ञा का पालन करना होगा और ज़िलाधिकारी से संपर्क नहीं हो पाने की स्थिती में सशस्त्र बलों की टीम अपनी बटालियन के प्रमुख के आदेशों का पालन कर सकती है

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कानून के अनुसार

.सबसे पहले भीड़ को गैर-क़ानूनी गतिविधियों के लिए चेतावनी दी जाएगी, फिर आंसू गैस का इस्तेमाल किया जाएगा .भीड़ इसके बाद भी काबू में नहीं आती है तो पानी की बौछार का प्रयोग, लाठीचार्ज का आदेश दिया जाएगा .फिर भी भीड़ नहीं हटती है तो पुलिस गोलियां चला सकती है, जिसका एकमात्र उद्देश्य भीड़ को हटाना होना चाहिए न कि लोगों को जान से मारना .आईपीसी की धारा 100 और 103 के तहत पुलिस गोली मारने की कार्रवाई का अधिकार देती है, लेकिन इसके बावजूद पुलिस वालों को कमर से नीचे गोली मारने की सलाह दी जाती है

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