रासुका क्या होती है?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 21 Apr, 2023

रासुका कब लगाई जाती है

जब सरकार को लगता है कि किसी व्यक्ति से देश की सुरक्षा पर बात आ सकती है तो ऐसे में व्यक्ति को रासुका के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है.

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कानून व्यवस्था से छेड़छाड़

अगर कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में बाधा या अड़चन डालेगा तो उस पर सरकार रासुका लगा सकती है और उसे हिरासत में ले सकती है.

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रासुका के तहत कारावास

NSA के तहत सरकार, किसी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रख सकती है. सरकार अगर नए सबूत पेश करती है तो इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है. हिरासत में लिए गए व्यक्ति को तीन महीने से अधिक की अवधि के लिए सलाहकार बोर्ड की राय प्राप्त किए बिना जेल में रखा जा सकता है, लेकिन यह छह महीने से अधिक नहीं हो सकता है.

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रासुका सलाहकार बोर्ड

रासुका अधिनियम 1980 की धारा 9 के तहत सलाहकार बोर्ड का गठन करने का प्रावधान किया गया है. इस बोर्ड के सदस्य वही हो सकते हैं जो हाई कोर्ट के न्यायाधीश के नियुक्ति के योग्य हों या रह चुके हों.

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रासुका सलाहकार बोर्ड की भूमिका

रासुका सलाहकार बोर्ड इन मामलों में विचार करने के बाद और बंदी की बात सुनने के बाद संबंधित व्यक्ति की हिरासत की तारीख से सात सप्ताह के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है.

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जमानत कैसे मिलती है ?

रासुका सलाहकार बोर्ड ने अगर रिपोर्ट में ये कह दिया कि हिरासत का कोई पर्याप्त कारण नहीं है, तो सरकार हिरासत के आदेश को रद्द कर सकती है और बंदी को तुरंत रिहा कर दिया जाएगा.

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