जब सरकार को लगता है कि किसी व्यक्ति से देश की सुरक्षा पर बात आ सकती है तो ऐसे में व्यक्ति को रासुका के तहत गिरफ्तार किया जा सकता है.
Image Credit: my-lord.inअगर कोई व्यक्ति कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में बाधा या अड़चन डालेगा तो उस पर सरकार रासुका लगा सकती है और उसे हिरासत में ले सकती है.
Image Credit: my-lord.inNSA के तहत सरकार, किसी संदिग्ध व्यक्ति को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक जेल में रख सकती है. सरकार अगर नए सबूत पेश करती है तो इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है. हिरासत में लिए गए व्यक्ति को तीन महीने से अधिक की अवधि के लिए सलाहकार बोर्ड की राय प्राप्त किए बिना जेल में रखा जा सकता है, लेकिन यह छह महीने से अधिक नहीं हो सकता है.
Image Credit: my-lord.inरासुका अधिनियम 1980 की धारा 9 के तहत सलाहकार बोर्ड का गठन करने का प्रावधान किया गया है. इस बोर्ड के सदस्य वही हो सकते हैं जो हाई कोर्ट के न्यायाधीश के नियुक्ति के योग्य हों या रह चुके हों.
Image Credit: my-lord.inरासुका सलाहकार बोर्ड इन मामलों में विचार करने के बाद और बंदी की बात सुनने के बाद संबंधित व्यक्ति की हिरासत की तारीख से सात सप्ताह के भीतर सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है.
Image Credit: my-lord.inरासुका सलाहकार बोर्ड ने अगर रिपोर्ट में ये कह दिया कि हिरासत का कोई पर्याप्त कारण नहीं है, तो सरकार हिरासत के आदेश को रद्द कर सकती है और बंदी को तुरंत रिहा कर दिया जाएगा.
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