जनहित याचिकाओं का मूल उद्देश्य ही है गरीबों और हाशिये के वर्ग के लोगों के लिये न्याय को सुलभ या न्याय संगत बनाना
Image Credit: my-lord.inजनहित याचिका की अवधारणा को अमेरिकी न्याय प्रणाली से लिया गया है
Image Credit: my-lord.inजनहित याचिका, रिट याचिका से अलग होती है. रिट याचिका अपने लाभ के लिए दायर की जाती है, जबकि जनहित याचिका "आम जनता" के हितों के लिए
Image Credit: my-lord.inजनहित याचिका की अवधारणा हमारे देश के संविधान के अनुच्छेद 39 A में निहित सिद्धांतों के अनुकूल है
Image Credit: my-lord.inजनहित याचिका उन्हीं मामलों में दायर कर सकते हैं जो मुद्दा आपको ही नहीं बल्कि और लोगों को प्रभावित करता है, जैसे; प्रदूषण, आतंकवाद, सड़क सुरक्षा, निर्माण संबंधी खतरे आदि
Image Credit: my-lord.inजनहित याचिका को किसी एक व्यक्ति द्वारा, किसी समूह, या गैर सरकारी संगठन के द्वारा दायर की जा सकती है
Image Credit: my-lord.inइस याचिका को संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाई कोर्ट में और अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट के समक्ष दायर कर सकते हैं
Image Credit: my-lord.inआप किसी साधारण पत्र और पोस्ट कार्ड के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के CJI के सामने या हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष अपना मुद्दा रख सकते हैं
Image Credit: my-lord.inमुकदमे के लिए शुल्क केवल 50 रुपये प्रति प्रतिवादी है जिसका उल्लेख जनहित याचिका में किया गया है
Image Credit: my-lord.inपढ़ने के लिए धन्यवाद!