Indian Partnership Act को 1 अक्टूबर 1932 को लागू किया गया, जिसका उद्देश्य व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन को सुव्यवस्थित करना है
Image Credit: my-lord.inकोई भी व्यापार जो किसी विशेष अनुबंध के अंतर्गत एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा संचालित किया जाता है, इस प्रकार का व्यापार भागीदारी व्यापार कहलाता है
Image Credit: my-lord.inपार्टनरशिप व्यवसाय के पांच आवश्यक तत्व हैं, जिसके ना होने पर एक व्यवसाय को पार्टनरशिप व्यवसाय के रूप में नहीं पहचाना जा सकता है
Image Credit: my-lord.inव्यवसाय में दो या दो से अधिक व्यक्ति व्यापार के उद्देश्य से एक अनुबंध में प्रवेश करते हैं और उस पर हस्ताक्षर करते हैं. एक उचित भागीदारी का अनुबंध आवश्यक है
Image Credit: my-lord.inएक भागीदारी व्यापार के लिए अनुबंध में कम से कम दो और अधिकतम 20 व्यक्ति हो सकते हैं. परन्तु बैंकिंग क्षेत्र के व्यापार में अधिकतम 10 भागीदार हो सकते हैं
Image Credit: my-lord.inकोई भी काम जिसे लाभ कमाने के उद्देश्य से किया जा रहा है तो वह व्यापार कहलाता है और यदि उसमें एक से अधिक व्यक्ति शामिल हैं तो वह भागीदारी व्यापार होता है
Image Credit: my-lord.inसाझेदारी व्यवसाय में अर्जित लाभ को प्रत्येक सदस्य के बीच उचित अनुपात में विभाजित किया जाना अनिवार्य है, ऐसा न हो कि केवल एक या दो सदस्यों को ही सारा मुनाफा मिले
Image Credit: my-lord.inसाझेदारी में किसी भी भागीदार द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय का सभी को पालन करने की आवश्यकता है और उसके लिए सभी सदस्य समान रूप से जिम्मेदार होंगे
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