क्या है Partnership? जाने इसकी अनिवार्यता

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 17 Feb, 2023

Indian Partnership Act

Indian Partnership Act को 1 अक्टूबर 1932 को लागू किया गया, जिसका उद्देश्य व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन को सुव्यवस्थित करना है

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भागीदारी का अर्थ

कोई भी व्यापार जो किसी विशेष अनुबंध के अंतर्गत एक से अधिक व्यक्तियों द्वारा संचालित किया जाता है, इस प्रकार का व्यापार भागीदारी व्यापार कहलाता है

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भागीदारी व्यवसाय

पार्टनरशिप व्यवसाय के पांच आवश्यक तत्व हैं, जिसके ना होने पर एक व्यवसाय को पार्टनरशिप व्यवसाय के रूप में नहीं पहचाना जा सकता है

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भागीदारी का अनुबंध

व्यवसाय में दो या दो से अधिक व्यक्ति व्यापार के उद्देश्य से एक अनुबंध में प्रवेश करते हैं और उस पर हस्ताक्षर करते हैं. एक उचित भागीदारी का अनुबंध आवश्यक है

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भागीदारों की संख्या

एक भागीदारी व्यापार के लिए अनुबंध में कम से कम दो और अधिकतम 20 व्यक्ति हो सकते हैं. परन्तु बैंकिंग क्षेत्र के व्यापार में अधिकतम 10 भागीदार हो सकते हैं

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भागीदारी व्यापार

कोई भी काम जिसे लाभ कमाने के उद्देश्य से किया जा रहा है तो वह व्यापार कहलाता है और यदि उसमें एक से अधिक व्यक्ति शामिल हैं तो वह भागीदारी व्यापार होता है

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लाभ में हिस्सेदारी

साझेदारी व्यवसाय में अर्जित लाभ को प्रत्येक सदस्य के बीच उचित अनुपात में विभाजित किया जाना अनिवार्य है, ऐसा न हो कि केवल एक या दो सदस्यों को ही सारा मुनाफा मिले

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पारस्परिक अभिकर्ता

साझेदारी में किसी भी भागीदार द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय का सभी को पालन करने की आवश्यकता है और उसके लिए सभी सदस्य समान रूप से जिम्मेदार होंगे

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