National Emergency क्या है, और यह किन परिस्थितियों में लागू होता है?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 21 Mar, 2023

आपातकाल क्या है?

भारत में आपातकाल की स्थिति एक संवैधानिक व्यवस्था के तहत शासन की अवधि को संदर्भित करती है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा घोषित किया जा सकता है, जब आंतरिक और बाहरी स्रोतों से राष्ट्र को गंभीर खतरा होने की संभावना हो.

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असाधारण स्थिति

आपातकाल एक असाधारण स्थिति है जहां कानूनों को निलंबित किया जा सकता है और राष्ट्रपति को शासन करने का अधिकार प्राप्त होता है. राज्यों में, शासन का नियंत्रण राज्यपाल के पास होता है.

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आपातकाल के प्रकार

संविधान के अंतर्गत आपातकाल तीन प्रकार से वर्णित है जो की अनुच्छेद 352, 356 और 360 के तहत उल्लिखित है - राष्ट्रीय आपातकाल, राज्य आपातकाल और वित्तीय आपातकाल.

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आजादी के बाद आपातकाल

आजादी के बाद से अनुच्छेद 352 का प्रयोग तीन बार किया गया- पहली 1962, भारत-चीन युद्ध के दौरान, दूसरी 1971, भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान और तीसरी 1975, "आंतरिक गड़बड़ी" के कारण.

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आपातकाल कब लागू होता है

राष्ट्रपति द्वारा देश में आपातकाल की घोषणा की जा सकती है जब उन्हें लगता है कि बाहरी (जैसे युद्ध या आतंकवादी हमला) या आंतरिक खतरों (सशस्त्र विद्रोह) से देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है.

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44वें संशोधन

1975 के बाद, आपातकाल की शक्तियों को कम करने के लिए संविधान के 44वें संशोधन के माध्यम से राष्ट्रीय आपातकाल के प्रावधान में संशोधन किया गया, जिसमें "आंतरिक गड़बड़ी" को "सशस्त्र विद्रोह" में बदल दिया गया.

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राष्ट्रीय आपातकाल घोषित करने की प्रक्रिया

राष्ट्रपति को आपातकाल घोषणा का अधिकार है पर यह घोषणा करना तभी आवश्यक होता है जब उनके पास प्रधान मंत्री और उनके मंत्रिमंडल द्वारा ऐसा करने का लिखित अनुरोध किया गया हो.

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कैबिनेट के अनुरोध

पहले केवल प्रधान मंत्री ही राष्ट्रपति को आपातकाल घोषित करने के लिए कह सकते थे लेकिन 44वें संशोधन के बाद से कैबिनेट मंत्रियों को भी शामिल किया गया है.

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सदन में विशेष बहुमत

जारी आपातकाल की प्रत्येक उद्घोषणा को संसद के प्रत्येक सदन में विशेष बहुमत से पारित किया जाना चाहिए (जिसका अर्थ है कि सदन के 2/3 सदस्यों को इसके पक्ष में मतदान करना चाहिए).

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एक महीने की अवधि

प्रस्ताव पारित होने के बाद, आपातकाल एक महीने की अवधि के लिए प्रभावी रहेगा जब तक कि दोनों सदनों में आपातकाल को छ: महीने तक बढ़ाने के लिए एक और उद्घोषणा पारित नहीं की जाती है.

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मौलिक अधिकारों का निलंबन

आपातकाल में मौलिक अधिकारों को निलंबित किया जा सकता है क्योंकि मौलिक अधिकार उचित प्रतिबंध के अधीन हैं. अनुच्छेद 358 और 359 में मौलिक अधिकारों पर आपातकाल के प्रभाव का उल्लेख है.

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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