हमारे देश में रियल एस्टेट बिल्डर-होम ब्यूरो से जुड़े विवादों को सुलझाने में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण अहम भूमिका निभाती है
Image Credit: my-lord.inकेंद्र सरकार ने 01 जून 2016 से कंपनी अधिनियम, 2013 (2013 का 18) की धारा 408 के तहत राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT) का गठन किया
Image Credit: my-lord.inकंपनियों के पंजीकरण और निगमन के दौरान, एनसीएलटी वैधता पर सवाल उठा सकता है,यहां तक की यह कंपनी का रजिस्ट्रेशन रद्द भी कर सकता है शेयरों और प्रतिभूतियों को स्थानांतरित करने में कंपनियों की अस्वीकृति की शिकायतों को सुनता है
Image Credit: my-lord.inडिपॉजिट के उपाय के लिए एक जमाकर्ता किसी भी मुद्दे के मामले में एनसीएलटी के पास जा सकता है. एनसीएलटी के पास इतनी शक्तियां हैं कि वह जांच का आदेश दे सकता है
Image Credit: my-lord.inNCLT अगर चाहे तो कंपनी की संपत्ति को फ्रीज भी कर सकते हैं, यह पब्लिक लिमिटेड कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड में भी बदल सकता है
Image Credit: my-lord.inएनसीएलटी कंपनियों से संबंधित मामलों को देखता है, इसलिए मामलों की सुनवाई के लिए नियमित रूप से 'एनसीएलटी वाद सूची' जारी करता है
Image Credit: my-lord.inइस सूची में सीरियल नंबर, सीपी नंबर, सीए/आईए नंबर, उद्देश्य, धारा/नियम, पार्टियों का नाम, याचिकाकर्ता/आवेदक के वकील का नाम, प्रतिवादी के वकील का नाम, का नाम जैसे क्षेत्र शामिल होता है
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