कोई भी अदालत किसी व्यक्ति का पक्ष सुने बिना उसके खिलाफ फैसला या आदेश नहीं दे सकती है, इसी अधिकार का उपयोग करने के लिए कैविएट याचिका होती है
Image Credit: my-lord.inयह एक तरह का एहतियाती उपाय है जिसके जरिए कोई पक्षकार अपने खिलाफ एक पक्षीय फैसले या आदेश को रोकने का प्रयास करता है
Image Credit: my-lord.inसिविल प्रक्रिया संहिता की धारा 148A के तहत सिविल मामलों में एकतरफा आदेश जारी करने से रोकने हेतु किसी को भी कैविएट याचिका दायर करने का अधिकार है
Image Credit: my-lord.inइसका उद्देश्य कैविएट दाखिल करने वाले व्यक्ति के हितों की रक्षा करना है. यदि न्यायालय आदेश पारित करने से पहले कैविएटर को सूचित नहीं करता, तो वह आदेश या निर्णय शून्य हो जाता है
Image Credit: my-lord.inएक व्यक्ति जिसके खिलाफ अदालत में कोई दावा किया गया है, या वाद दायर हैं या उसमें नया बदलाव किए गये हैं, तो वह कैविएट याचिका दायर कर सकता है
Image Credit: my-lord.inएक कैविएट याचिका मूल अधिकार क्षेत्र के किसी भी सिविल न्यायालय, अपीलीय न्यायालय, हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा सकती है
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