क्या है रांची का सेना जमीन घोटाला? जानिये विस्तार से

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 13 Jun, 2023

10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल

झारखण्ड की राजधानी रांची में सेना के कब्जे वाली जमीन की फर्जी दस्तावेजों पर खरीद-बिक्री के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने आईएएस अधिकारी छवि रंजन सहित 10 लोगों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट फाइल कर दी है

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घोटाले में सेना की 4.55 एकड़ जमीन

ईडी ने इस मामले में सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन के अलावा रांची के बजरा मौजा में 7.16 एकड़ क्षेत्रफल वाली जमीन जब्त कर ली है. दोनों भू-खंडों की कीमत 14.39 करोड़ रुपए बताई है। रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन पर फर्जी दस्तावेज के आधार पर उक्त भूमि की जमाबंदी कराने का आरोप है

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आरोपियों में शामिल कोलकाता के कारोबारी

रांची के पूर्व उपायुक्त आईएएस छवि रंजन सहित 10 लोगों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट फाइल कर दी है. अन्य आरोपियों में शामिल हैं कोलकाता के कारोबारी अमित अग्रवाल, दिलीप घोष, बड़गाई सीआई भानु प्रताप प्रसाद, जमीन दलाल प्रदीप बागची, अफसर अली, इम्तियाज खान, फैयाज खान, तलहा खान और मोहम्मद सद्दाम

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छवि रंजन के निर्देश पर हुआ जमीन का निबंधन और म्यूटेशन

ईडी ने बताया कि रांची के तत्कालीन सब रजिस्ट्रार घंसी राम पिंगुआ ने सेना के कब्जेवाली साढ़े चार एकड़ जमीन का निबंधन करने से इनकार कर दिया था, लेकिन सुनियोजित साजिश के तहत छवि रंजन के निर्देश पर इस जमीन का निबंधन और म्यूटेशन हुआ, और कोलकाता के अमित अग्रवाल और दिलीप घोष ने जगतबंधु टी इस्टेट के नाम पर इस जमीन को खरीदा

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फर्जीवाड़े का खुलासा

ईडी ने 13 अप्रैल को छवि रंजन सहित 18 लोगों के 22 ठिकानों पर छापेमारी की, और दूसरे दिन (14 अप्रैल) फर्जी रैयत प्रदीप बागची, बड़ागाई अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद सहित सात आरोपी को गिरफ्तारकर लिया था

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छवि रंजन की गिरफ्तारी

4 मई को, रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन की गिरफ्तारी, तथा इस महीने 7 जून की देर रात जगत बंधु टी इस्टेट के निदेशक दिलीप घोष व अमित अग्रवाल को भी गिरफ्तार कर लिया

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फर्जी रैयत बनकर जमीन बेची गई

सेना के कब्जे वाली 4.55 एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री मामले में फर्जीवाड़े का खुलासा सबसे पहले आयुक्त की जांच रिपोर्ट में हुआ था, जिसमे यह बात सामने आयी थी कि प्रदीप बागची नामक व्यक्ति ने फर्जी रैयत बनकर जगत बंधु टी इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक दिलीप कुमार घोष को उक्त जमीन बेची

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रजिस्ट्री में कागजात फर्जी पाए गए

जमीन की खरीद-बिक्री के लिए रजिस्ट्री में प्रदीप बागची ने जिन होल्डिंग नंबर से संबंधित दो अलग-अलग कागजातों को लगाया था, वे जांच में फर्जी पाए गए थे

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