प्रत्यर्पण एक प्रक्रिया है, जिसके तहत एक देश के अधिकार क्षेत्र द्वारा किसी व्यक्ति को अन्य देश के अधिकार क्षेत्र की कानून प्रवर्तन एजेंसी की हिरासत में भेजने का काम किया जाता है.
Image Credit: my-lord.inप्रत्यर्पण उस व्यक्ति का किया जाता है जिस पर किसी अन्य क्षेत्र में अपराध करने का आरोप लगाया गया है या उस क्षेत्र में अपराध का दोषी ठहराया गया है.
Image Credit: my-lord.inएक भगोड़े (आरोपी या दोषी) का प्रत्यर्पण, प्रत्यर्पण अधिनियम, के अंतर्गत होता है. भगोड़ों का प्रत्यर्पण भारत द्वारा अन्य देशों के साथ की गई संधियों/सम्मेलनों /व्यवस्थाओं पर निर्भर करता है.
Image Credit: my-lord.inउप-धारा (g) के तहत अगर किसी पुलिस के पास भारत के बाहर या भारत में किसी जगह पर किसी व्यक्ति के कार्य के खिलाफ उचित शिकायत है तो पुलिस बिना वारंट ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है.
Image Credit: my-lord.inयदि किसी अपराध के लिए जांच के दौरान, एक जांच अधिकारी द्वारा साक्ष्य भारत के बाहर किसी देश में होने के विषय में कोई आवेदन किया जाता है, तो कोई भी आपराधिक न्यायालय उस विशेष देश के किसी न्यायालय या अनुरोध से निपटने योग्य किसी प्राधिकारी को अनुरोध पत्र जारी कर सकता है.
Image Credit: my-lord.inअगर भारत में जांच के उद्देश्य से किसी देश से अनुरोध पत्र भेजा गया है, तो केंद्र सरकार इसे मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, के पास भेजेगा जो अपराध की जांच उसी तरह से करेगा, जैसे कि भारत के भीतर के अपराध की जांच की जाती है.
Image Credit: my-lord.inजब भारत के बाहर कोई व्यक्ति (नागरिक हो या न हो) अपराध करता है, चाहे ऊंचे समुद्रों पर या भारत में पंजीकृत किसी जहाज या विमान पर हो, तो उसके खिलाफ भारत के भीतर किए गए अपराध की तरह कार्रवाई होगी.
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