CrPC में क्या हैं Extradition के प्रावधान?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 10 Mar, 2023

क्या है प्रत्यर्पण

प्रत्यर्पण एक प्रक्रिया है, जिसके तहत एक देश के अधिकार क्षेत्र द्वारा किसी व्यक्ति को अन्य देश के अधिकार क्षेत्र की कानून प्रवर्तन एजेंसी की हिरासत में भेजने का काम किया जाता है.

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प्रत्यर्पण किस का होता है

प्रत्यर्पण उस व्यक्ति का किया जाता है जिस पर किसी अन्य क्षेत्र में अपराध करने का आरोप लगाया गया है या उस क्षेत्र में अपराध का दोषी ठहराया गया है.

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प्रत्यर्पण कानून

एक भगोड़े (आरोपी या दोषी) का प्रत्यर्पण, प्रत्यर्पण अधिनियम, के अंतर्गत होता है. भगोड़ों का प्रत्यर्पण भारत द्वारा अन्य देशों के साथ की गई संधियों/सम्मेलनों /व्यवस्थाओं पर निर्भर करता है.

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CrPC की धारा 41

उप-धारा (g) के तहत अगर किसी पुलिस के पास भारत के बाहर या भारत में किसी जगह पर किसी व्यक्ति के कार्य के खिलाफ उचित शिकायत है तो पुलिस बिना वारंट ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है.

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CrPC की धारा 166 A

यदि किसी अपराध के लिए जांच के दौरान, एक जांच अधिकारी द्वारा साक्ष्य भारत के बाहर किसी देश में होने के विषय में कोई आवेदन किया जाता है, तो कोई भी आपराधिक न्यायालय उस विशेष देश के किसी न्यायालय या अनुरोध से निपटने योग्य किसी प्राधिकारी को अनुरोध पत्र जारी कर सकता है.

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CrPC की धारा 166 B

अगर भारत में जांच के उद्देश्य से किसी देश से अनुरोध पत्र भेजा गया है, तो केंद्र सरकार इसे मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, के पास भेजेगा जो अपराध की जांच उसी तरह से करेगा, जैसे कि भारत के भीतर के अपराध की जांच की जाती है.

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CrPC की धारा 188

जब भारत के बाहर कोई व्यक्ति (नागरिक हो या न हो) अपराध करता है, चाहे ऊंचे समुद्रों पर या भारत में पंजीकृत किसी जहाज या विमान पर हो, तो उसके खिलाफ भारत के भीतर किए गए अपराध की तरह कार्रवाई होगी.

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