आदिवासी समूह की समस्याओं के निवारण हेतु क्या हैं कानून?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 21 Jun, 2023

आदिवासी समूह

आदिवासी समूह हमारे देश का एक ऐसा हिस्सा है जो आज भी विकास के इंतजार में है. संविधान में आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में रखा गया है

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PESA कानून

आदिवासियों के अधिकार और उनकी रक्षा के लिए पेसा कानून (PESA), 1996 बनाया गया. जिसमें ग्राम सभा को अनुसूचित जाति के अधिकारों की रक्षा के लिए शक्तियां दी गई

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संविधान में संशोधन

इस एक्ट को कुछ अपवादों एवं संशोधनों के साथ संविधान के भाग 9 के प्रावधानों को अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तारित करने के लिए अधिनियमित किया गया था. अनुच्छेद 243-243ZT के भाग 9 में नगर पालिकाओं और सहकारी समितियों से संबंधित प्रावधान हैं

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अनुसूचित क्षेत्र

अनुसूचित क्षेत्र को अनुच्छेद 244 (1) में संदर्भित किया गया है, जिसके अनुसार पांचवीं अनुसूची के प्रावधान असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिज़ोरम के अलावा अन्य राज्यों में अनुसूचित क्षेत्रों की अनुसूचित जनजातियों पर लागू होंगे. पांचवीं अनुसूची इन क्षेत्रों के लिए विशेष प्रावधानों की श्रृंखला प्रदान करती है

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इन राज्यों में यह कानून लागू

देश के दस राज्यों - गुजरात, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना, ने पाँचवीं अनुसूची के क्षेत्रों को अधिसूचित किया है

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PESA का उद्देश्य

इसका मुख्य उद्देश्य है ग्राम सभा को शक्तियां देकर जनजाति वर्ग को सशक्त बनाना. ग्राम सभा इन शक्तियों का इस्तेमाल आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले जनजातियों के विकास के लिए करें और उनके हक की रक्षा कर सकें

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आदिवासी समूह के अधिकारों की रक्षा

जल-जंगल-जमीन, श्रमिक और संस्कृति के अधिकार की सुरक्षा, बाजार-मेलों का प्रबंधन, ग्राम विकास की कार्ययोजना तैयार करने सम्बन्धी बातों का उल्लेख

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पढ़ने के लिए धन्यवाद!

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