कभी सरकार से या किसी कंपनी से अपनी बात मनवाने के लिए, तो कभी न्याय पाने के लिए लोग हड़ताल करते हैं. इसकी कुछ शर्तें हैं जिसे पूरा ना करने पर हड़ताल को अवैध माना जाता है
Image Credit: my-lord.inहड़ताल को औद्योगिक विवाद अधिनियम (Industrial Disputes Act) 1947 की धारा 2(q) में परिभाषित किया गया है. जब कर्मचारियों के समूह द्वारा अपनी मांग को स्वीकार करने के उद्देश्य से नियोजक पर दबाव बनाने के लिए काम को बंद कर दिया जाता है तो उसे हड़ताल कहते हैं
Image Credit: my-lord.inएक उद्योग या कई उद्योग, एक नियोजक या कई नियोजक, ऐसे उद्योग या उद्योगों में कार्य करने वाले कर्मचारी; कर्मचारियों का एक समूह द्वारा काम बंद करना या रोकना, हड़ताल में काम बंद करने की अवधि महत्वपूर्ण नहीं होती; हड़ताल करने वाले लोगों का एक ही उद्देश्य होना चाहिए ताकि अपनी मांग को मनवा लें
Image Credit: my-lord.inयह जरुरी नहीं है कि उद्योग के सभी श्रमिक सामूहिक रूप से हड़ताल पर जाए और काम ठप्प कर दें. यदि किसी विभाग या विभाग के कुछ लोग भी एकजूट होकर काम करने से इंकार करते है तो उसे हड़ताल माना जायेगा
Image Credit: my-lord.inऔधोगिक विवाद अधिनियम की धारा 22 को विशेष धारा माना जाता है क्योंकि इसके तहत लोकोपयोगी सेवा का प्रावधान किया गया है जबकि धारा 23 गैर लोकोपयोगी बात करता है. इस धारा के अंर्तगत हड़ताल कैसे शुरू करेंगे और इसके लिए क्या शर्तें हैं इसके बारे में बताया गया है
Image Credit: my-lord.inधारा 22 के अनुसार बिना पूर्व सूचना के हड़ताल अवैध होगी क्योंकि नोटिस देना परमादेश है. यदि हड़ताली से पहले नियोक्ता को छह सप्ताह के भीतर हड़ताल की सूचना दिए बिना; या इस तरह के नोटिस देने के १४ दिनों के भीतर; या पूर्वोक्त जैसे किसी भी नोटिस में निर्दिष्ट हड़ताल की तिथि समाप्त होने से पहले, किसी सुलह अधिकारी के समक्ष किसी सुलह की कार्यवाही के दौरान और ऐसी कार्यवाही के समापन के सात दिन बाद. अवैध हड़ताल के विषय में अधिनियम के धारा 24 में जिक्र है
Image Credit: my-lord.inअखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ बनाम IT ‘के मामले में कोर्ट ने कहा कि “हड़ताल का अधिकार या तालाबंदी की घोषणा करने का अधिकार उचित औद्योगिक कानून द्वारा नियंत्रित या प्रतिबंधित किया जा सकता है
Image Credit: my-lord.inमिनरल माइनर्स यूनियन बनाम कुद्रेमुख और कं लि केस में हाई कोर्ट ने कहा, धारा 22 आज्ञात्मक प्रकृति का है. इसलिए नोटिस में उस तारिख को बताना अत्यंत आवश्यक है जिस पर कर्मचारी हड़ताल पर जाना चाहते है. बिना नोटिस के किया गया हड़ताल अवैध माना जाएगा
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