क्या है हड़ताल के आवश्यक तत्व और इसकी शर्तें?

My Lord Team

Image Credit: my-lord.in | 27 Jun, 2023

हड़ताल की वजह और शर्तें

कभी सरकार से या किसी कंपनी से अपनी बात मनवाने के लिए, तो कभी न्याय पाने के लिए लोग हड़ताल करते हैं. इसकी कुछ शर्तें हैं जिसे पूरा ना करने पर हड़ताल को अवैध माना जाता है

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मांग मनवाने हेतु काम बंद करना

हड़ताल को औद्योगिक विवाद अधिनियम (Industrial Disputes Act) 1947 की धारा 2(q) में परिभाषित किया गया है. जब कर्मचारियों के समूह द्वारा अपनी मांग को स्वीकार करने के उद्देश्य से नियोजक पर दबाव बनाने के लिए काम को बंद कर दिया जाता है तो उसे हड़ताल कहते हैं

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हड़ताल के आवश्यक तत्व

एक उद्योग या कई उद्योग, एक नियोजक या कई नियोजक, ऐसे उद्योग या उद्योगों में कार्य करने वाले कर्मचारी; कर्मचारियों का एक समूह द्वारा काम बंद करना या रोकना, हड़ताल में काम बंद करने की अवधि महत्वपूर्ण नहीं होती; हड़ताल करने वाले लोगों का एक ही उद्देश्य होना चाहिए ताकि अपनी मांग को मनवा लें

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विभाग के कुछ लोग भी हड़ताल कर सकते हैं

यह जरुरी नहीं है कि उद्योग के सभी श्रमिक सामूहिक रूप से हड़ताल पर जाए और काम ठप्प कर दें. यदि किसी विभाग या विभाग के कुछ लोग भी एकजूट होकर काम करने से इंकार करते है तो उसे हड़ताल माना जायेगा

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हड़ताल करने की शर्तें

औधोगिक विवाद अधिनियम की धारा 22 को विशेष धारा माना जाता है क्योंकि इसके तहत लोकोपयोगी सेवा का प्रावधान किया गया है जबकि धारा 23 गैर लोकोपयोगी बात करता है. इस धारा के अंर्तगत हड़ताल कैसे शुरू करेंगे और इसके लिए क्या शर्तें हैं इसके बारे में बताया गया है

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बिना पूर्व सूचना के हड़ताल अवैध

धारा 22 के अनुसार बिना पूर्व सूचना के हड़ताल अवैध होगी क्योंकि नोटिस देना परमादेश है. यदि हड़ताली से पहले नियोक्ता को छह सप्ताह के भीतर हड़ताल की सूचना दिए बिना; या इस तरह के नोटिस देने के १४ दिनों के भीतर; या पूर्वोक्त जैसे किसी भी नोटिस में निर्दिष्ट हड़ताल की तिथि समाप्त होने से पहले, किसी सुलह अधिकारी के समक्ष किसी सुलह की कार्यवाही के दौरान और ऐसी कार्यवाही के समापन के सात दिन बाद. अवैध हड़ताल के विषय में अधिनियम के धारा 24 में जिक्र है

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सुप्रीम कोर्ट का फैसला

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ बनाम IT ‘के मामले में कोर्ट ने कहा कि “हड़ताल का अधिकार या तालाबंदी की घोषणा करने का अधिकार उचित औद्योगिक कानून द्वारा नियंत्रित या प्रतिबंधित किया जा सकता है

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कर्नाटक हाई कोर्ट का फैसला

मिनरल माइनर्स यूनियन बनाम कुद्रेमुख और कं लि केस में हाई कोर्ट ने कहा, धारा 22 आज्ञात्मक प्रकृति का है. इसलिए नोटिस में उस तारिख को बताना अत्यंत आवश्यक है जिस पर कर्मचारी हड़ताल पर जाना चाहते है. बिना नोटिस के किया गया हड़ताल अवैध माना जाएगा

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