बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम के तहत किशोरों को गैर-खतरनाक व्यवसायों और प्रक्रियाओं में काम करने की अनुमति है प्राप्त है और किसी भी प्रकार के खतरनाक व्यवसाय में नियोजन प्रतिबंधित है.
Image Credit: my-lord.inइस धारा के तहत अनुसूची के भाग A में निर्धारित किसी भी व्यवसाय या कार्यशाला में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसमें अनुसूची के भाग B में निर्धारित कोई भी प्रक्रिया चलती है.
Image Credit: my-lord.inभाग A के अनुसार, किसी भी बच्चे को कुछ व्यवसायों में नियोजित की अनुमति नहीं है, जैसे- खान, सिंडर पिकिंग, अस्थाई अनुज्ञप्ति पटाखे की दुकान, वधशालाएं, ऑटोमोबाइल कार्यशाला, हैंडलूम और पावरलूम उद्योग आदि.
Image Credit: my-lord.inकिसी बच्चे का बीड़ी बनाना, सीमेंट निर्माण, विस्फोटक निर्माण, जहरीली धातुओं, ऑटोमोबाइल मरम्मत, तम्बाकू निर्माण, पत्थर तोड़ना आदि जैसी प्रक्रिया वाले कार्यशाला में नियोजन प्रतिबंधित है.
Image Credit: my-lord.in14 से 18 वर्ष के बीच के किशोरों को निर्धारित अवैध व्यवसायों में नियोजित करने पर छ: महीने से दो साल तक की जेल की सजा हो सकती है और 20,000 से 50,000 रुपये के बीच का जुर्माना लग सकता है.
Image Credit: my-lord.inकिशोर से एक दिन में 6 घंटे से अधिक काम नहीं कराया जा सकता. एक बार में अधिकतम 3 घंटे की अवधि के लिए ही लगातार काम कराया जा सकता है और तीन घंटे काम के बाद एक घंटे के ब्रेक अनिवार्य होगा.
Image Credit: my-lord.inकिसी भी बच्चे को ओवरटाइम काम करने की आवश्यकता नहीं होगी और नियोक्ता को सामान्य समय से अधिक (शाम 7 बजे से सुबह के 8 बजे के बीच) काम करवाने की अनुमति नहीं है.
Image Credit: my-lord.inएक प्रतिष्ठान में नियोजित प्रत्येक बच्चे को प्रत्येक सप्ताह में एक पूरे दिन का अवकाश दिया जाएगा. यह दिन नियोक्ता द्वारा कार्यस्थल पर एक नोटिस में निर्दिष्ट किया जाएगा.
Image Credit: my-lord.inयदि एक नियोक्ता, किशोर श्रम के निर्धारित कानून का पालन नहीं करता है, तो उसे एक महीने तक की जेल या अधिकतम 10,000 रुपये का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकता है.
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