जेलर के बारे में कारागार अधिनियम 1894 में बताया गया है. इसकी धारा 16, 17, 18, 19 और 20 में जेलर की ड्यूटीज का जिक्र है
Image Credit: my-lord.inधारा 16 के अनुसार, जेलर जेल में तब तक रहेगा, जब तक कि अधीक्षक लिखित रूप से उसे कहीं और रहने की अनुमति नहीं देता है, महानिरीक्षक की लिखित स्वीकृति के बिना जेलर किसी भी अन्य रोजगार में शामिल नहीं होगा
Image Credit: my-lord.inधारा 17 के तहत, अगर किसी बंदी की मृत्यु हो जाती है तब जेलर की यह जिम्मेदारी होगी कि वह उसकी तत्काल सूचना अधीक्षक तथा चिकित्सा अधीनस्थ को दे
Image Credit: my-lord.inधारा 18 के अनुसार, जेलर धारा 12 के अधीन रखे जाने वाले अभिलेखों की सुरक्षित अभिरक्षा के लिए, वचनबद्धता वारंटो और उसकी देखभाल के लिए गोपनीय रखे गए अन्य सभी दस्तावेजों के लिए और कैदियों से लिए गए धन और अन्य वस्तुओं के लिए उत्तरदायी होगा
Image Credit: my-lord.inधारा 19 के अंतर्गत, जेलर अधीक्षक की लिखित अनुमति के बिना एक रात के लिए जेल से अनुपस्थित नहीं रहेगा; यदि अपरिहार्य आवश्यकता से बिना छुट्टी के एक रात के लिए अनुपस्थित रहता है तो वह तुरंत इस तथ्य और उसके कारण की सूचना अधीक्षक को देगा
Image Credit: my-lord.inधारा 20 की माने तो एक जेल में एक उप जेलर या सहायक जेलर नियुक्त किया जाता है, वह अधीक्षक के आदेशों के अधीन, किसी भी कर्तव्य को निभाने के लिए सक्षम होगा, और सभी जिम्मेदारियों के अधीन होगा
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